आरयू वेब टीम। केंद्र सरकार का आम बजट सोमवार को वित्त मंत्री सीतारमण ने पेश किया। इस बजट में वित्त मंत्री ने 75 साल के अधिक आयुवर्ग के सीनियर सिटीजन को राहत देते हुए टैक्स दाखिल करने से छूट दे दी। कृषि क्षेत्र पर भी वित्त मंत्री का काफी जोर रहा, लेकिन, उनके इस बजट से अगर किसी को सबसे ज्यादा मायूसी हाथ लगी तो वो है मीडिल क्लास। मध्यम वर्ग को उम्मीद थी कि काफी समय से टैक्स में छूट नहीं मिली है, उस पर उन्हें इस बार रियायत मिल सकती है, लेकिन, उनके लिए मोदी सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया।
मोदी सरकार की तरफ से पेश किए गए बजट 2021 में पेट्रोल ढाई रुपये तो वहीं दूसरी तरफ डीजल पर चार रुपये का कृषि सेस लगाने का फैसला किया है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस सेस का उपभोक्ताओं पर असर नहीं पड़ेगा और यह सेस कंपनियों को देना पड़ेगा। दूसरी तरफ, मीडिल क्लास को आयकर छूट में किसी तरह की कोई रियायत नहीं दी गई है।
सीनियर सिटीजन को आयकर से राहत
निर्मला सीतारमण की तरफ से पेश किए गए आम बजट में 75 साल से अधिक आयुवर्ग के ऐसे सीनियर सिटीजन को राहत दी गई है, जिनकी आयु का स्त्रोत सिर्फ पेंशन और ब्याज वाली है। उन्हें अब आयकर दाखिल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही, आयकर आकलन मामलों को फिर से खोले जाने की समय सीमा छह साल से घटा कर तीन साल कर दी गई है।
एफडीआइ की सीमा बढ़ाकर 74 प्रतिशत का प्रस्ताव
इस बार के बजट में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को बढ़ाकर सरकार ने 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को पहली बार कागज रहित बजट पेश करते हुए कहा कि सभी वित्तीय उत्पादों के लिए निवेशक चार्टर पेश किया जाएगा। यह सभी वित्तीय निवेशकों का अधिकार होगा।
ये उत्पाद हो सकते हैं महंगे
कुछ ऑटो पार्ट्स पर 15 फीसदी तक इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई गई है, इससे गाड़ियां महंगी हो सकती हैं।
जबकि सोलर इनवर्टर महंगा होगा, क्योंकि इस पर आयात शुल्क 20 प्रतिशत बढ़ाया गया है।
मोबाइल फोन के चार्जर और हेडफोन पर इंपोर्ट ड्यूटी 2.5 प्रतिशत बढ़ाई है। इससे ये चीजें भी महंगी हो जाएंगी।
रत्न महंगे होंगे
ऑटो पार्ट्स महंगा होगा
सूती कपड़े महंगे होंगे क्योंकि कपास पर उत्पाद शुल्क बढ़ेगा।
ये सामान होंगा सस्ता
-सोने-चांदी पर इंपोर्ट ड्यूटी 12.5 प्रतिशत कम की गई है। इससे ज्वैलरी सस्ती होगी।
-स्टील उत्पाद पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करके 7.5 प्रतिशत कर दी गई है।
-तांबे पर इंपोर्ट ड्यूटी 2.5 प्रतिशत घटाई गई है।
-चुनिंदा लेदर को कस्टम ड्यूटी से हटा दिया गया है। इससे लेदर के उत्पाद सस्ते होंगें।
डिजिटल भुगतान के लिए 1500 करोड़ का प्रस्ताव
निर्मला सीतारमण की तरफ से पेश किए गए बजट में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि डिजिटल लेन-देन को और बढावा देने के लिये मैं 1500 करोड़ रूपये की योजना का प्रस्ताव रखती हूं जिससे डिजिटल भुगतान को बढावा देने के लिये वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में डिजिटल भुगतान में कई गुना वृद्धि हुई है।
रेलवे को एक लाख दस हजार 55 करोड़ का प्रस्ताव
रेलवे के क्षेत्र में सुधार और आधुनिकीकरण के लिए रिकॉर्ड एक लाख दस हजार 55 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है, जिनमें एक लाख सात हजार 100 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे पर खर्च किए जाएंगे। निर्मला ने कहा कि साल 2023 के दिसंबर तक देश में सभी ब्रॉड गेज रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया जाएगा।
उज्जवला योजना के बढ़ेंगे लाभार्थी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि उज्ज्वला योजना (मुफ्त रसोई गैस) का विस्तार कर इसमें एक करोड़ और लाभार्थियों को जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कोरोना संकट के दौरान ईंधन की आपूर्ति निर्बाध जारी रखी गई। निर्मला ने आगे कहा कि घरों में पाइप के जरिए गैस पहुंचाने और वाहनों को सीएनजी मुहैया कराने के सिटी गैस वितरण नेटवर्क का विस्तार कर 100 और जिलों को इसके दायरे में लाया जाएगा।
सात बंदरगाह परियोजनाओं की घोषणा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से सात बंदरगाह परियोजनाओं की घोषणा की। निर्मला ने कहा कि उन्होंने पीपीपी मोड के जरिए दो हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से सात बंदरगाह परियोजनाओं का प्रस्ताव किया है। इस समय भारत में 12 प्रमुख बंदरगाह हैं, जो केंद्र सरकार के नियंत्रण में हैं।
…100 से ज्यादा सैनिक स्कूल, लेह में बनेगा केंद्रीय विश्वविद्यालय
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लेह में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा, जबकि गैर सरकारी संगठनों की मदद से सौ सैनिक स्कूल खोले जायेंगे। इसके साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 15000 स्कूलों को मजबूत किया जायेगा वित्त मंत्री ने कहा कि हमने जनजाति क्षेत्रों में 750 एकलव्य मॉडल आवसीय स्कूलों की स्थापना का लक्ष्य रखा है।‘‘ मेरा प्रस्ताव ऐसे स्कूलों की इकाई लागत को 20 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 38 करोड़ रूपये करने का है और पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों के लिये इसे बढ़ाकर 48 करोड़ रूपये करने का प्रस्ताव है। इससे हमारे जनजातीय विद्यार्थियों के लिये आधारभूत सुविधा के विकास में मदद मिलेगी।