CAA के खिलाफ लखनऊ में चौथे दिन महिलाओं ने पेंटिंग बनाकर जताया विरोध, दारापुरी भी पहुंचें

चौथे दिन
घंटाघर पर तिरंगा लेकर प्रदर्शन करतीं महिलाएं।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ राजधानी लखनऊ में लगातार चौथे दिन भी महिलाओं का विरोध प्रदर्शन जारी है। चौथे दिन महिलाओं व बच्‍चों ने जमीन पर पेटिंग बनाकर सीएए और एनआरसी पर कड़ा विरोध जताया। वहीं सोमवार आज दोपहर महिलाओं का हौंसला बढ़ाने के लिए पूर्व आइपीएस दारापुरी और एक्टिविस्ट सदफ जाफर भी प्रदर्शन में पहुंचीं।

चौथे दिन
प्रदर्शन को संबोधित करते एसआर दारापुरी।

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इस दौरान दारापुरी ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म निरपेक्षता का सिद्धांत केवल मुसलमानों को बचाने की नहीं, बल्कि संविधान को बचाने की लड़ाई है। उन्‍होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आज अगर ये सरकार संविधान का उल्लंघन कर ये काला कानून ला सकती है तो कल को क्या गारंटी है की वो कोई दूसरा कानून नहीं लाएगी।

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दारापुरी ने कहा कि धर्म जाति स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है, दूसरा हमारा संविधान भी कहता है कि हमारे देश में धर्म निरपेक्षता है, सभी नागरिकों को अपने अपने धर्म को मानने का अधिकार है। परंतु आज धर्म के आधार पर एक खास वर्ग को नागरिकता के अधिकार से वंचित कर रहे हैं। दूसरा धर्म निरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लघंन कर रहे हैं। सरकार बड़े-बड़े पोस्टर लगा रही है और आरएसएस और भाजपा के लोग झंडे लेकर सड़कों पर पर्चे बांट रहे हैं। वो कह रहे हैं ये कानून नागरिकता देने का है लेने का नहीं है। सुनने में ये बात बहुत अच्छी लग रही है, लेकिन उसमें चाल क्या है। चाल ये है कि हम उन लोगों को नागरिकता देंगे, लेकिन मुसलमानों को नहीं। वहीं हमारा ऐतराज है और हमारी आपत्ती है।

चौथे दिन

धर्म निरपेक्षता का सिद्धांत केवल मुसलमानों को बचाने की नहीं, बल्कि संविधान को बचाने की लड़ाई है। आज अगर ये सरकार संविधान का उल्लंघन कर ये काला कानून ला सकती है तो कल को क्या गारंटी है की वो कोई दूसरा कानून नहीं लाएगी। आज मुसलमानों को अलग किया जा रहा है पहले वो ईसाईयों को अलग कर चुके हैं फिर वो दलितों को अलग करेंगे।

वहीं, सर्दी में रात गुजार रहीं प्रदर्शनकारी महिलाओं ने पुलिस पर कंबल छीनने का आरोप लगाया। पहले रविवार को बच्चियों ने पुलिसकर्मियों को फूल देकर उनका सहयोग मांगा। हाथों में गुलाब लेकर बच्चियां… पुलिस हमसे बात करो, न कि घूसा लात करो का नारा लगा रही थीं। बीती रात पुलिस द्वारा कंबल छीन अलाव में पानी डालने को लेकर महिला प्रदर्शनकारियों ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस उनकी आवाज को दबाने के लिए तरह-तरह से जुल्म कर रही है। पार्क में बने शौचालय में ताला डालने के बाद पुलिस प्रदर्शनकारियों से उनके कंबल छीन रही है। इसके अलावा खाना देने वाले उनके लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर धमका रही है।

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