आरयू वेब टीम। सीबीआइ को आइसीआइसीआइ बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत, आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की हिरासत के दो दिन और मिल गए हैं। तीनों को सीबीआइ की विशेष अदालत में बुधवार को पेश किया गया, जहां जांच एजेंसी ने उनकी हिरासत की मांग की। सीबीआइ अब दस्तावेजी सबूतों के साथ उनसे पूछताछ करेगी।
वे पहले ही अपने बयान दर्ज करा चुके हैं। इस मामले में तीनों एक बार फिर आमने-सामने होंगे। सीबीआइ का आरोप है कि धूत ने उन्हें पूरे तथ्य नहीं बताए और इसलिए उन्हें कोचर परिवार से आमना-सामना कराना पड़ेगा। सीबीआइ ने यह भी आरोप लगाया कि धूत जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने धूत को जांच में शामिल होने के लिए दो नोटिस भेजे, लेकिन वह 23 और 25 दिसंबर को जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए।
साथ ही सीबीआइ ने उनके बयानों में भी विसंगति पाई। 22 जनवरी, 2019 को वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड, वेणुगोपाल नंदलाल धूत, चंदा कोचर, दीपक वीरेंद्र कोचर, नूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड, सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ धारा 120-बी के साथ 420 आईपीसी और धारा सात के साथ धारा 13 (2) के साथ पीसी अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
वहीं 26 अगस्त, 2009 को चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली एक स्वीकृति समिति ने वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (वीआईईएल) को बैंक के नियमों और नीतियों के उल्लंघन में सह-आरोपी व्यक्तियों के साथ आपराधिक साजिश और अपने पद का दुरुपयोग करने के लिए 300 करोड़ रुपये का सावधि ऋण स्वीकृत किया।
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लोन सात सितंबर, 2009 को वितरित किया गया था और अगली तारीख आठ सितंबर, 2009 को वी.एन. धूत, (वीडियोकॉन ग्रुप के एमडी) ने अपनी कंपनी सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के माध्यम से वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड से दीपक कोचर द्वारा प्रबंधित एनआरएल को 64 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए। एनआरएल को 24 दिसंबर, 2008 को शामिल किया गया था। वी.एन. धूत और सौरभ धूत ने 15 जनवरी, 2009 को एनआरएल के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया।