आरयू ब्यूरो, लखनऊ। अखिलेश सरकार में बने गोमती रिवर फ्रंट भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 1500 करोड़ रुपये के गोमती रिवरफ्रंट घोटाले में सिंचाई विभाग के पूर्व चीफ इंजीनियर रूप सिंह यादव को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। पहले रूप सिंह यादव से लंबी पूछताछ की गई थी। रूप सिंह यादव के साथ वरिष्ठ सहायक राजकुमार को भी सीबीआइ ने अरेस्ट किया है।
आरोपित के खिलाफ दिसंबर 2017 में सीबीआइ ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। गिरफ्तारी के बाद रूप सिंह यादव को सीबीआइ ने कोर्ट में पेश किया गया। अब इस घोटाले के अन्य आरोपितों की भी गिरफ्तारी की तैयारी है। सीबीआइ ने रिवर फंड घोटाले में आठ इंजीनियर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिनमें चार सेवानिवृत्त हो चुके थे। कार्रवाई प्रमुख सचिव गृह के लिखित आदेश पर हुई थी। सीबीआइ लखनऊ की एंटी करप्शन टीम इस प्रकरण की जांच कर रही थी। राज्य सरकार ने तीन साल पहले घोटाले की जांच सीबीआइ से कराने की संस्तुति की थी।
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गौरतलब है कि अप्रैल 2017 में प्रदेश सरकार ने रिवर फ्रंट घोटाले की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। इसमें हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आलोक सिंह कमेटी के अध्यक्ष थे। कमेटी ने वित्तीय अनियमितता की जांच की थी। इसके बाद 19 जून को गोमतीनगर थाने में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता डॉ अंबुज द्विवेदी ने धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में रिपोर्ट लिखवाई थी।
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इसी एफआइआर के आधार पर सीबीआइ ने तत्कालीन मुख्य अभियंता एसएन शर्मा, काजिम अली, गुलेश चंद, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता (संपत्ति) शिव मंगल यादव, अखिल रमन, कमलेश्वर सिंह, रूप सिंह यादव व अधिशासी अभियंता सुरेंद्र यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। छानबीन में दागी कंपनियों को निर्माण कार्य देने की बात सामने आई थी।