आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। धर्म की नगरी काशी में शनिवार को पुलिस ने 47 वर्षीय महिला की हत्या का बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है। मीरा जायसवाल की हत्या का राजफाश करते हुए आज एसएसपी आकाश कुलकर्णी ने प्रेसवार्ता कर मीडिया को बताया कि मीरा की हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि उसके ही सगे बेटे ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर की थी।
चाकू से गोदकर हत्या करने से पहले कलयुगी बेटे ने न सिर्फ मीरा जायसवाल को नींद की गोलियां दी थी, बल्कि करंट के भी कई झटके दिए थे। पुलिस के इस खुलासे के बाद आप भी हैरान होंगे कि आखिर कोई बेटा अपनी ही मां के लिए इतना क्रूर कैसे हो सकता है, तो आइए अब आपको बताते है पूरी कहानी।
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गुरुवार को कैंट पुलिस को छोटा लालपुर स्थित एक पोखरे में 47 वर्षीय महिला की चाकू से गोदी हुई लाश मिली थी। पास से मिले सामानों के आधार पर उसकी शिनाख्त सिगरा थाना क्षेत्र के औरंगाबाद फाटक निवासिनी मीरा जायसवाल के रूप में हुई थी।
पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि मीरा के घर से गायब होने के बाद भी इलेक्ट्रानिक्स की दुकान चलाने वाले उसके बेटे अमित कुमार जायसवाल ने कहीं रिपोर्ट नहीं दर्ज करायी थी। इस बात पर शक होने पर पुलिस ने गहराई से जांच करने के साथ ही शनिवार को बेटे अमित के अलावा उसकी दुकान पर काम करने वाले कैंट क्षेत्र निवासी धीरज ऊर्फ धीरू शीतलानी व शिवम सिंह को नदेसर से धर दबोचा। फिर जो घटनाक्रम सामने आया उसे सुनकर पुलिस के भी होश उड़ गए।
पिता समेत अन्य रिश्तेदारों ने छोड़ दिया साथ
अमित ने पुलिस को बताया कि मां मीरा उसके साथ तानाशही वाला व्यवहार करती थी। दुकान का मालिक होने के बाद भी उससे नौकरों की तरह एक-एक पैसे का हिसाब लिया जाता था। मां के ही व्यवहार के चलते डेढ़ साल पहले उसके पिता घर छोड़कर जा चुके थे, जबकि उसकी बहन समेत अन्य रिश्तेदारों ने भी घर आना-जाना लगभग बंद कर दिया था।
दो महीने पहले हुई थी शादी, लेकिन पत्नी भी लौट गयी मायके
अमित ने कहा कि उसकी शादी मात्र दो महीना पहले हुई थी। मां पत्नी से भी तानाशाही कर रही थी, यहां तक की उसके मोबाइल पर कहीं बात करने पर भी स्पीकर ऑन करने को कहती थी। इन्हीं वजहों से पत्नी भी घर छोड़कर कुछ दिन पहले चली गयी थी। जिसके बाद ही उसने मां को ठिकाने लगाने का इरादा पक्का कर लिया।
बेटे ने सुनाई हत्या की खौफनाक कहानी
मां से तंग बेटे ने पुलिस के सामने हत्या का खुलासा करते हुए ये भी बताया कि ये सारी बातें उसकी दुकान पर काम करने वाला उसका दोस्त धीरू जानता था, इसलिए दोनों मिलकर मीरा की हत्या करने की प्लानिंग करने लगे। इन्हीं सबके बीच एक दिन धीरू अपने साथ शिवम सिंह को लेकर उसके पास आया और कहा कि ये काफी शातिर है। शिवम के हिसाब से काम होगा तो सब ठीक रहेगा।
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फिर तीनों ने प्लॉन बनाकर मीरा की हत्या करने की ठान ली। प्लॉन के तहत बीते मंगलवार की रात अमित ने अपनी मां को दूध में नींद की 20 गोलियां डालकर खिला दी। मीरा के सोने के बाद बल्ब वाले होल्डर के सहारे उसने और धीरू ने मीरा को करंट लगाना शुरू कर दिया। अमित ने बताया कि पांच से छह झटकों के बाद मां की नींद खुल गयी तो वह चीखने लगी, पकड़े जाने के डर से धीरू ने मीरा का मुंह दबा दिया, जबकि उसने आधा दर्जन बार मां पर चाकू से वारकर दिया, इसके बाद भी उसे जिंदा देख। धीरू ने भी ताबड़तोड़ चाकू से आठ से दस बार हमला कर उसकी हत्या कर दी।
पॉलीथिन में लपेटकर बक्शे में रखी लाश और फिर लगा दिया ठिकाने
अमित ने लाश ठिकाने लगाने के बारे में बताया कि हत्या के बाद तीनों ने मिलकर लाश को पॉलीथिन में लपेटा और फिर एक बक्से में डाल दिया। जिसके बाद बक्से को टीवीएस एक्सएल पर रखकर पहले से चिन्हित पोखरे में अगले दिन फेक आएं।
मौसी, नानी को फंसाने के साथ ही पुलिस को भी उलझाने का किया इंतजाम
किसी फिल्मी स्टॉइल में मीरा जायसवाल की हत्या के बाद हत्यारोपितों ने अपने बचने के साथ ही हत्या का इल्जाम किस पर जाए इसका भी इंतजाम कर रखा था। अमित ने बताया कि उसकी नानी और मौसी सोनभद्र रहती है, इसलिए शिवम मां का मोबाइल लेकर सोनभद्र चला गया। इस दौरान दोनों ने उसके मोबाइल से आपस में बात भी कि और फिर शिवम वापस लौट आया।
जिसके बाद उन लोगों ने मीरा के मोबाइल को उसके शव के पास ही छोड़ दिया था। जिससे कि मोबाइल लोकेशन देखने पर पुलिस को लगे कि मीरा सोनभद्र गयी थी और वहीं पर उसकी हत्या के बाद उसकी लाश को लाकर वाराणसी में फेंका गया है।
तोड़ दिया डीवीआर, मिटाए सबूत
एसएसपी ने बताया हत्या के बाद अमित व उसके साथियों ने घर में लगे 15 सीसीटीवी कैमरे के डीवीआर को फॉरमेट करने के साथ ही पट-पटककर तोड़ दिया। इसके अलावा खून से सनी चादर और बोरे को सोनिया स्थित कूड़ेखाने में फेंक दिया। हालांकि तमाम कोशिशों के बाद भी अमित का मां की गुमशुदगी के बारे में पुलिस को सूचना न देना भारी पड़ गया और शव मिलने के बाद इसी बात के आधार पर पुलिस ने बारीकी से जांच करते हुए एक बेहद सनसनीखेज हत्या का खुलासा करने में कामयाबी हासिल कर ली। एसएसपी ने गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाने वाले पुलिसकर्मियों को 15 हजार रुपए का नकद ईनाम देने की घोषणा की है।
लॉकर में मिले एक लाख 15 हजार
पुलिस के अनुसार अमित ने हत्या के बाद धीरू और शिवम को नकद पैसे भी देने की बात कही थी। अमित को अंदाजा था कि आलमारी के लॉकर में छह से सात लाख रुपए होंगे। हालांकि आलमारी खोलने पर उनकी उम्मीद टूट गयी, क्योंकि अंदर मात्र एक लाख 15 हजार रुपए थे, जिसमें से अमित ने 90 हजार रुपए दोनों को दे दिया, जबकि बाकी के पैसे अपने पास ही रखे था।
ये सामान व नकदी पुलिस ने किया बरामद
पकड़े गए तीनों आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल एक चाकू, छह मोबाइल फोन, एक स्कूटी, लाश ढोने में इस्तेमाल की गयी टीवीएस एक्सएल व हत्या के समय पहनें गए दो जोड़ी हैंड ग्लब्स बरामद किए हैं।
खुलासे में इनकी रही अहम भूमिका
इंस्पेक्टर कैंट राजीव रंजन उपाध्याय, चौकी इंचार्ज पाण्डेयपुर मुकेश कुमार तिवारी, चौकी इंचार्ज जेल संजीत बहादुर सिंह, कांस्टेबल रामानंद यादव, धर्मदेव चौहान, संतोष शाह, सोनू कुमार व अन्य।