आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के मुद्दे को लेकर गुरुवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने मोदी सरकार और भाजपा पर हमला बोला है। मायावती ने भाजपा को पिछड़ा वर्ग विरोधी बताते हुए कहा कि करोड़ों दलितों व आदिवासियों की तरह अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) का भी राजनीति, शिक्षा, रोजगार, न्यायपालिका समेत हर स्तर पर उनके हकों से वंचित रखने का प्रयास करने वाली भाजपा अब अगामी लोकसभा के साथ ही अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव को देखते हुए उन्हें छलना चाहती है। इससे लोगों को सावधान रहना चाहिए।
बसपा सुप्रीमो ने आज अपने एक बयान में कहा कि यही वजह है कि संसद में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का विधेयक लाया गया है। जो उनकी चुनावी स्वार्थ की राजनीति के सिवाय कुछ भी नहीं है।
नियत साफ होती तो सरकार बनने के पहले ही साल में कर देती ये काम
भाजपा और मोदी सरकार को पूरी तरह से ओबीसी विरोधी बताने के साथ ही मायावती ने तर्क देते हुए कहा कि अगर बीजेपी सरकार की इस बारे में नीयत साफ होती तो यह काम मोदी सरकार बनने के पहले साल में ही आसानी से कर सकती थी, लेकिन उस समय वह घोर किसान-विरोधी नया भूमि अधिग्रहण कानून बनाने के लिये इस प्रकार तत्पर थी कि उसके लिये बार-बार अध्यादेश ला रही थी, ताकि बड़े-बडे पूंजीपतियों व धन्नासेठों को खुश रख सके।
भाजपा सरकार को दिखानी चाहिए ईमानदारी
वहीं मायावती ने विधेयक का स्वागत करते हुए कहा कि दलितों व आदिवासियों के संवैधानिक व कानूनी अधिकारों को लगातार नकारने के साथ-साथ इनके ऊपर अनेक प्रकार की ज्यादती करने की नीति छोड़कर, पिछड़े वर्ग के लोगों के कल्याण के मामले में भी बीजेपी सरकारों को ईमानदारी दिखानी चाहिए। इसके अलावा भाजपा सरकार को शिक्षा व सरकारी नौकरियों में इनके आरक्षण कोटा खाली रखकर इनका हक छीनने की जगह सभी स्तर पर इनको आरक्षण का लाभ सुनिश्चित करना चाहिए।