मायावती का दावा, कांग्रेस-भाजपा की चुनावी घोषणाओं में गंभीरता कम छलावा ज्‍यादा

मायावती
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। अगामी लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना व मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर प्रमुख राजनीतिक पार्टियों की तेजी से तैयारी चल रही है। ऐसे में कांग्रेस व भाजपा समेत अन्‍य राजनीतिक दल जनता से जनसभा के दौरान तमामे वादे कर रहें हैं। इन सबके बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा पर भी निशाना साधा है। मायावती ने कहा है कि कांग्रेस व भाजपा जनता को गुमराह कर रही है, इनकी चुनावी घोषणाओं में गंभीरता कम छलावा ज्‍यादा है।

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शनिवार को इस बारे में यूपी की पूर्व सीएम ने एक्‍स पर पोस्‍ट कर कहा कि अगले विधानसभा आमचुनाव से पहले सत्‍ताधारी कांग्रेस व भाजपा द्वारा किस्म-किस्म के लुभावने वादे किए जाने से चुनावी माहौल प्रभावित हो रहा, लेकिन सवाल यह है कि जो वादे अब किए जा रहें वे पहले क्यों नहीं लागू किए गए? इस प्रकार की घोषणाओं में गंभीरता कम व छलावा ज्यादा है।

कांग्रेस-भाजपा जाति गणना, ओबीसी व महिला आरक्षण को चुनाव में भुनाने मे लगी

अपने दूसरे पोस्‍ट में बसपा सुप्रीमो ने जाति जनगणना व महिला आरक्षण को लेकर विपक्ष की मांगों पर कहा कि जनता महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार की मार से त्रस्त है, लेकिन कांग्रेस व भाजपा जाति गणना, ओबीसी व महिला आरक्षण को चुनाव में भुनाने मे लगी हैं ताकि अपनी विफलताओं पर पर्दा डाल सकें। अंत में मायावती ने उम्‍मीद जताते हुए कहा है कि जनता इसे छलावा मानकर अब और इनके बहकावे में आने वाली नहीं है।

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‘जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी हिस्सेदारी’ को बताया कांग्रेस का चुनावी शिगूफा

वहीं अपने अंतिम पोस्‍ट में मायावती ने कांग्रेस पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी हिस्सेदारी कांग्रेस का नया चुनावी शिगूफा है। साथ ही पुरानी बातों को लेकर कांग्रेस पर सवाल उठाया कि क्या आजादी के बाद से कांग्रेस ने कभी भी अपनी पार्टी व सरकार में इस पर अमल करके दिखाया। नहीं, तो फिर इन पर विश्वास कैसे? जबकि बीएसपी ने पार्टी व अपनी सरकार में इस सामाजिक न्याय को लागू करके दिखाया।

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