बसपा के निलंबित विधायकों ने खोला मायावती के खिलाफ मोर्चा, भाजपा से जा मिलीं हैं पार्टी अध्‍यक्ष

निलंबित विधायक
अपना पक्ष रखते निलंबित विधायक।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। राज्यसभा चुनाव से पहले बसपा को बगावती तेवर दिखाने वाले सात विधायकों को मायावती ने निलंबित कर दिया है, जिसके बाद सातों निलंबित विधायकों ने एकजुट होकर मायावती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। साथ ही विधायकों ने उनपर बेहद गंभीर आरोप लगाएं हैं।

निलंबित विधायकों ने आरोप लगाया है कि बसपा मुखिया मायावती भारतीय जनता पार्टी से मिल गई हैं। जब हम लोगों ने विरोध किया तो हमारे खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। श्रावस्ती के भिनगा से विधायक असलम राइनी ने कहा कि बहन जी के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं। अब हम अपना हित तलाशने के लिए स्वतंत्र हैं। असलम राइनी ने कहा कि मायावती तो भारतीय जनता पार्टी से मिल गईं हैं। मैनें इस गठबंधन का विरोध किया। इसी विरोध की वजह से मायावती ने निकाला। उन्होंने कहा कि मैं बसपा का पुराना कार्यकर्ता रहा हूं।

वहीं प्रयागराज के हंडिया से विधायक हाकिम लाल बिंद ने कहा कि पार्टी की मुखिया के भाजपा से मिलने का हमने विरोध किया। हमारे ऊपर आरोप है कि हम अखिलेश यादव से मिले हैं, लेकिन हमने कोई मुलाकात नहीं की। सीतापुर के सिधौली से विधायक हरगोविंद भार्गव ने कहा कि मैं तो बुधवार को लखनऊ में था ही नहीं। मैं बसपा का विधायक बना रहूंगा और पार्टी की मुखिया के फैसले को चुनौती दूंगा। बसपा के बागी विधायकों का कहना है कि उनकी बसपा नेताओं के साथ बैठक होनी है और इसके बाद यह तय होगा कि आगे क्या किया जाना है।

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कल तक बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाने वाले ये बागी विधायक जहां सपा मुखिया से उनकी मुलाकात को अफवाह करार दे रहे हैं तो वहीं बसपा सुप्रीमो को अपना नेता और स्वयं को बसपा का विधायक बता रहे हैं। बागी विधायकों का कहना है कि बसपा सुप्रीमों मायावती हम सबकी नेता है, उन्होंने हमे पार्टी से निलंबित किया है हम लोग बहुजन समाज पार्टी के विधायक कल भी थे और आज भी है, हम पार्टी छोड़ने का काम नहीं करेंगे। बागी विधायकों ने सपा मुखिया से मुलाकात की बात को भी सिरे से नकारते हुए कहा कि यह सभी बाते अफवाह हैं।

मालूम हो कि बसपा विधायक दल के नेता लालजी वर्मा ने बसपा के राज्यसभा सदस्य प्रत्याशी के खिलाफ प्रस्तावकों के नाम वापस लेने की मामले के साथ ही इन सभी के अखिलेश यादव ने भेंट करने की अपनी रिपोर्ट मायावती को सौंपी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि सात विधायकों असमल चौधरी, असलम राइनी, मोहम्मद मुज्तबा सिद्दीकी, हाकिल लाल बिंद, हरगोविंद भार्गव, सुषमा पटेल और वंदना सिंह ने पार्टी के खिलाफ बगावत करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी।

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