आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में कर्मचारियों का वेतन नहीं देने के साथ ही महिला कर्मचारियों के शोषण और धमकाने के मामले में शानिवार को राष्ट्रीय लोक दल ने गंभीर सवाल उठाएं हैं। रालोद के प्रदेश अध्यक्ष ने योगी सरकार को निशाने पर लेते हुए आज अपने एक बयान में कहा कि एक ओर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है, तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री के ही हेल्पलाइन कार्यालय में कार्यरत महिला कर्मचारियों को वेतन देने की जगह बंधक बनाकर उनका उत्पीड़न और छेड़खानी जैसी गंभीर घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। जबकि इस मामले में सरकार खामोश है इसको देखकर ऐसा लगता है कि क्या यही है योगी सरकार का महिला सशक्तिकरण।
सरकारी अधिकारियों की निगरानी में होना चाहिए 1076
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 का कार्यभार प्राइवेट कंपनी को दिए जाने पर भी सवाल उठाते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कंपनी को ठेका देकर मुख्यमंत्री की हेल्पलाइन का कार्यालय चलाया जा रहा है, जबकि ऐसा कार्यालय सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों की देखरेख में होना चाहिए।
यह भी पढ़ें- CM हेल्पलाइन में टॉर्चर से युवतियां बेहोश, भर्ती, आरोप जान आपके भी उड़ जाएंगे होश
इस बात से ये साफ हो जाता है कि कंपनी का मालिक सीएम का ही कोई चहेता होगा यही कारण है कि महिलाओं समेत तमाम कर्मचारियों के उत्पीड़न के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं की जा रही है।
पुलिस भी दे रही है पीडि़तों को धमकी
डॉ. मसूद ने कर्मचारियों द्वारा इंस्पेक्टर विभूति खण्ड के धमकाने और कार्रवाई नहीं करने की बात पर कहा कि इतना सबकुछ हो जाने के बाद भी पुलिस कार्रवाई की जगह उल्टा कर्मचारियों को ही जेल भेजने की बात कर रही है। इससे भी साफ हो जाता है कि उन्हें ऊपर से कंपनी की गैर कानूनी तरीके से सहायता करने की पूरी छूट दे दी गयी है।
दूसरे कार्यालयों का भी लगाया जा सकता है अंदाजा
प्रदेश अध्यक्ष ने अपने बयान में आगे कहा कि जब मुख्यमंत्री हेल्पलाइन कार्यालय के कर्मचारियों की यह दश है तो अन्य कार्यालयों के क्या हालात होंगे इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
यह भी पढ़ें- 70 लाख रोजगार दूर की बात, पहले शिक्षामित्रों की समस्य तो हल करें योगी आदित्यनाथ: RLD