आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही योगी आदित्यनाथ की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए हमला किया है। प्रदेश अध्यक्ष ने अपने एक बयान में योगी आदित्यनाथ के 70 बेरोजगारों को नौकरी देने वाली घोषणा को लॉलीपॉप बताते हुए पहले शिक्षामित्रों और हाल ही में बेरोजगार हुए केजीएमयू के कर्मचारियों की समस्या का हल निकालने की मांग की है।
वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री की 70 लाख युवाओं को रोजगार देने की घोषणा के मामले में योगी सरकार के मोदी सरकार के पदचिन्हों पर ने चलने की नसीहत देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने दो करोड़ रोजगार हर साल देने का वादा देश के युवाओं से किया था। उस हिसाब से अब तक लगभग सात करोड़ लोगो को रोजगार मिल जाना चाहिए था, लेकिन अब तक केंद्र सरकार सात लाख युवाओं को रोजगार देने में सफल नहीं रही। दूसरी ओर अब योगी आदित्यनाथ ने यूपी के युवाओं को भ्रमित करने के लिए 70 लाख रोजगार देने का वादा किया है, जबकि यह रोजगार कहां और किस सेक्टर से आएंगे इसकी कोई जानकारी नहीं दी गयी।
यह भी पढ़ें- अब हक के लिए शिक्षामित्र करेंगे अनिश्चितकालीन सत्याग्रह, पूरे UP से जुटेंगे लोग
मसूद अहमद ने दावा किया कि सच्चाई यह है कि लगगभ पांच महीने की योगी सरकार के दौरान केजीएमयू में आईटी सेक्टर के 35 लोगों को बाहर कर दिया गया है, जबकि एक लाख 42 हजार शिक्षामित्र सड़कों पर जीवन बिताने तक के लिए मजबूर हो गए हैं। इनके हित में सोचने या फैसला लेने की उनकी सही मंशा अब तक देखने को नहीं मिली है।
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि सत्तर लाख रोजगार की बात पूरी करने में बहुत समय लगेगा और पूरी होने में संदेह भी है। यदि इन शिक्षामित्रों और केजीएमयू से बाहर किए गए युवाओं के प्रति प्रदेश सरकार विचार करके शीघ्र निर्णय लेती है तो प्रदेश के युवाओं और बेरोजगारों में एक अच्छा संदेश जाएगा। यदि प्रदेश सरकार इस मामले में तुरंत निर्णय नहीं लेती है तो 70 लाख रोजगार की घोषणा भी केन्द्र सरकार की घोषणा की तरह सिर्फ धोखा ही साबित होगी।
यह भी पढ़ें- विधानभवन घेरने जा रहे RLD नेताओं पर लाठीचार्ज, पूर्व मंत्री समेत कई घायल