आरयू ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को एक बार फिर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। अखिलेश ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में पूरी तरह से अराजकता की स्थिति है। मुख्यमंत्री की कोई बात न तो उनके सहयोगी मंत्री सुन रहे हैं और नहीं अधिकारी। सब अपनी ढपली पर अपना-अपना राग अलाप रहे हैं। भ्रष्टाचार पर रोक नहीं है। तबादलों का धंधा भी बदस्तूर जारी है।
अखिलेश ने आज कहा कि यह बात अब ढकी-छुपी नहीं रह गई है कि तबादलों की निर्धारित अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी विभिन्न विभागों में तबादले जारी हैं। यह खेल मंत्री स्तर तक चलने की शिकायतें हैं। मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों पर अंकुश लगाने का साहस भी नहीं दिखा रहे हैं।
यह भी पढ़ें- मायावती ने बसपा विधायक को किया पार्टी से बाहर, जानें वजह
यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि सचिवालय में तीन दिन में फाइलों के निस्तारण के आदेशों के बावजूद 30 दिन में भी फाइलों की धूल नहीं साफ होती है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री के नीचे ही स्टाम्प और पंजीयन विभाग में सैकड़ों तबादले तबादला अवधि बीतने के बाद हो गए।
ठंडे बस्ते में चली गई तबादलों में गड़बड़ी पर बैठी जांच
सपा अध्यक्ष इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के विभाग में भी बड़े पैमाने पर पैरामेडिकल कर्मियों के तबादलों में गड़बड़ी पर बैठी जांच ठंडे बस्ते में चली गई है। पीडब्लूडी विभाग में ई-टेंडर घपला चर्चित हो चला है सिंचाई विभाग भी इससे अछूता नहीं रहा। कमाईदार विभागों में यह खुला खेल क्या बिना ऊपरी समर्थन के चल सकता है?
…‘ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी‘ इसीलिए नहीं हुई सफल
अखिलेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि निजी मेडिकल कालेजों में फीस के नाम पर जबर्दस्त वसूली चल रही है। मुख्यमंत्री की घोषणाएं भी फाइलों की कैद से बाहर नहीं निकल रही हैं। इस अफरा-तफरी के माहौल में प्रदेश में विकास के गति पकड़ने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। ‘ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी‘ इसीलिए सफल नहीं हुई है।
यह भी पढ़ें- अखिलेश ने कहा, यूपी के उपचुनाव के लिए एकजुट होकर लग जाएं कार्यकर्ता, BJP सरकार पर भी बोला हमला
वहीं यूपी के पूर्व सीएम ने आज ये भी दावा किया कि निवेशकों को प्रदेश के नौकरशाह अपनी उंगलियों पर नचाने और फाइल के मकड़जाल में उलझाने से बाज नहीं आने वाले है। जब तमाम पापड़ बेलने पर देश के बड़े पूंजी घराने निवेश को तैयार नहीं हो रहे है तो विदेशों से यहां कोई क्यों आएगा?