आरयू ब्यूरो, लखनऊ। गुरु गोविंद सिंह महाराज ने विदेशी आक्रांताओं से भारत के धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। इस पंथ ने मातृभूमि की रक्षा में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है। सिख गुरुओं का त्याग और बलिदान हम सबको देश और धर्म की रक्षा की प्रेरणा प्रदान करता है। सिख गुरुओं का इतिहास हमें भारत की गौरवशाली विजयगाथा का स्मरण कराता है। सिख समाज के त्याग, बलिदान परंपरा, धर्म के प्रति समर्पण और समाज के प्रति सेवाभाव को नमन किया।
उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को आलमबाग में खालसा चौक का लोकार्पण कर कार्यक्रम को संबोधित कर कही। टेढ़ी पुलिया के नाम से जाना जाने वाला ये चौराहा अब खालसा चौक के नाम से जाना जाएगा। इस दौरान सीएम योगी ने लोगों को बधाई देते हुए इशारों-इशारों में सपा सरकार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित होने वाली इफ्तार पार्टी पर कटाक्ष भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनसे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय में अन्य तरह के आयोजन होते थे। वहीं प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय में गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व का भव्य आयोजन हुआ। योगी सिख धर्म के दसवें गुरु एवं खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोबिन्द सिंह जी के ज्योति ज्योत दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
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योगी ने कहा कि आने वाले दिनों में हम लोगों को अनेक कार्यक्रमों में सहभागी बनने का अवसर प्राप्त होगा। 24 नवंबर को ही गुरु तेग बहादुर जी का पावन शहीदी दिवस, 27 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व और 26 दिसम्बर बीरबाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम सबको अपने इतिहास पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, सरदार परमिंदर सिंह, महापौर सुषमा खर्कवाल, गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान राजेन्द्र सिंह बग्गा, प्रधान गुरुद्वारा शंकरनगर आलमबाग के प्रधान सरदार मनमोहन सिंह सेठी समेत सिख समाज के लोग भारी संख्या में उपस्थित थे।