वीर बाल दिवस पर CM योगी ने कहा, सिख गुरुओं का आदर्श दिखाएगा आगे बढ़ने का रास्‍ता

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। क्या उम्र है उस समय गुरु गोविंद सिंह महाराज की जब पिता कश्मीर के लिए अपना बलिदान दे रहे थे। गुरु नानक सिंह से लेकर गुरु तेग बहादुर के इतिहास तक शहादत का इतिहास है, ये सिर्फ एक कौम का नहीं देश का इतिहास है। जाती पाती का भेदभाव समाप्त हो इसके लिए गुरु नानक जी ने मिल बांटकर खाने के लिए जिस लंगर को बनाया था वो आज भी बनी रही। गुरु गोविंद सिंह साहब ऐसे पिता जिन्होंने अपने आंखों के समाने पुत्र को बलिदान होते हुए देखा।

उक्त बातें लखनऊ में वीर बाल दिवस के अवसर पर समागम एंव सहज-पाठ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कही। योगी ने कहा कि आज काबुल में सिखों के 8,10 परिवार ही बचे हैं। साथ ही कहा कि जब हम पाकिस्तान बांग्लादेश की घटना देखते हैं तो हमको सिख गुरुओं के त्याग याद आता है। सिख गुरुओं ने हमारे सामने जो आदर्श रखा, वहीं हमको आगे बढ़ने का मार्ग दिखाएगा। इस प्रेरणा से जब हम आगे बढ़ेंगे तो हम काबुल और बांग्लादेश बनने से बचेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि गुरु अर्जुन देव ने जहांगीर के आतंक से बचाया था, आज कश्मीर भारत का हिस्सा है। आज पूरा देश, देश और धर्म के लिए शहादत की एक नई कहानी लिखने वाले बाबा जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत की श्रद्धा के प्रति नमन करता है। कौन नहीं जानता लाहौर में जहांगीर के अत्याचार से बचाने के लिए गुरु अर्जुन देव ने बलिदान दिया। उन्होंने अपना सिर दिया, लेकिन भारत का सिर नहीं झुकने दिया।

यह भी पढ़ें- सिख पंथ की नींव रखकर गुरु नानक ने दिया त्‍याग-बलिदान का संदेश: CM योगी

आज कश्मीर भारत का हिस्सा और भारत का शीश बना हुआ क्योंकि गुरु तेग बहादुर ने अपना शीश देकर उसे बचाया। गुरु गोविंद सिंह साहब ऐसे पिता जिन्होंने अपने आंखों के समाने पुत्र को बलिदान होते हुए देखा। साथ ही कहा कि देश में हिंदुओं और सिखों को लड़ाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। जब हम बांग्लादेश और पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार के बारे में सुनते हैं तब हमें सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान का स्मरण होता है।

यह भी पढ़ें- तेग बहादुर के प्रकाश पर्व पर सीएम योगी ने कहा, रक्षा के लिए प्रेरणापुंज है सिख गुरुओं का बलिदान