आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के सोमवार को एक दिवसीय विशेष सत्र से पहले कांग्रेस विधायकों ने महंगाई और किसानों के मुद्दे पर धरना प्रदर्शन किया। विधानसभा के उपाध्यक्ष के चुनाव और कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए एक दिन का आज विशेष सत्र आयोजित किया गया था। विधानसभा का एक दिवसीय सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस के नेताओं ने विधानभवन प्रांगण में प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया।
इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, ”भाजपा सरकार मंहगाई को नहीं मानती, इस मामले पर सरकार चर्चा नहीं कर रही है, किसान परेशान हैं, आम आदमी परेशान है, लेकिन सरकार का इस ओर ध्यान नहीं है। लखीमपुर खीरी मामले पर सरकार चर्चा नहीं कर रही है। कांग्रेस पार्टी किसानों और लखीमपुर खीरी मामले पर चर्चा चाहती है, लेकिन सरकार खामोश है।
अजय कुमार ने कहा कि विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले उपाध्यक्ष के पद का चुनाव केवल लोगों को गुमराह करने और लखीमपुर खीरी की घटना से ध्यान हटाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि जब तक लखीमपुर हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त नहीं किया जाता, उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने निर्वाचन प्रक्रिया के बहिष्कार का फैसला किया है।
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वहीं कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि सत्ताधारी दल बीजेपी उपाध्यक्ष का चुनाव संसदीय परंपराओं को दरकिनार कर करा रही है। उपाध्यक्ष के चुनाव और विधानसभा का सत्र बुलाए जाने के बारे में विपक्ष से कोई मशविरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि सरकार लखीमपुर की घटना पर सदन में चर्चा कराती।
वहीं दीपक सिंह ने कहा कि सदन समुदायों के हित के लिए चर्चा करके क़ानून बनाने का मंच है, यह यूपी के लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर है, लेकिन बीजेपी सरकार ने राजनैतिक गोटी बिछाने के लिए इसे कलंकित किया। साथ ही कहा कि यह अहूत सदन लखीमपुर में भाजपा के टायर से कुचलकर किसानों की हत्या के पाप को छुपाने, ध्यान भटकाने का चुनाव है।
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दीपक सिंह ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए आगे कहा कि आहूत यह सदन चुनाव के लिए नहीं, लोकतंत्र की हत्या करने के लिए आहूत था, इतिहास में याद रखा जाएगा।
साथ ही दीपक ने सवाल उठाते हुए आज यह भी कहा कि अगर सरकार की नीयत ठीक होती और लोकतंत्र की मर्यादें याद रहती तो दोनों सदनों में चुनाव होते, क्योंकि विधान परिषद में भी उत्तर प्रदेश सभापति का पद खाली है, आखिर वहां चुनाव क्यों नहीं कराया गया?
इस दौरान कांग्रेस विधायक और नेताओं ने महंगाई के खिलाफ पोस्टर और बैनर लेकर सरकार विरोधी नारे लगाए। वहीं कुछ नेताओं ने मंहगाई के विरोध में काले गुब्बारे भी उड़ाये।