प्रियंका ने मोदी-योगी सरकार पर लगाया कोरोना संक्रमण के आंकड़े छिपाने का आरोप, पूछा “जिम्‍मेदार कौन”

प्रियंका गांधी

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज एक बार फिर मोदी और योगी सरकार पर कोरोना संक्रमण से जुड़े आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया है। साथ प्रियंका ने कोरोना महामारी में सरकार के फैसलों, व्यवस्थाओं और सरकारी आंकड़ों से जुड़े कई गंभीर सवाल भी पूछे हैं। प्रियंका ने कहा कि इन आंकड़ों को लोगों की जान बचाने की बजाय सरकार एवं नेताओं की छवि बचाने के लिए दुष्प्रचार के माध्यम के तौर पर इस्तेमाल किया गया।

कांग्रेस नेता ने सरकार से सवाल करने की अपनी श्रृंखला ‘जिम्मेदार कौन’ के तहत पूछा। उन्‍होंने अपने पोस्‍ट में यूपी के कई जिलों के श्मशानों और कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार से संबंधित संख्या का हवाला देते हुए दावा किया कि देश की सबसे अधिक जनसंख्या वाले प्रदेश में आंकड़ों को छिपाया गया है।

नेताओं की छवि से ज्यादा महत्वपूर्ण देशवासियों की जान

प्रियंका ने सवाल किया, ‘‘वैज्ञानिकों द्वारा बार-बार मांगने के बावजूद कोरोना वायरस के बर्ताव एवं बारीक अध्ययन से जुड़े आंकड़ों को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया? केंद्र सरकार आंकड़ों को अपनी छवि बचाने के माध्यम की तरह क्यों प्रस्तुत करती है?’’ सवाल करते प्रियंका ने कहा कि, ‘‘क्या इनके नेताओं की छवि, लाखों देशवासियों की जान से ज्यादा महत्वपूर्ण है? सही आंकड़ें अधिकतम भारतीयों को इस वायरस के प्रभाव से बचा सकते हैं। आखिर क्यों सरकार ने आंकड़ों को दुष्प्रचार का माध्यम बनाया न कि सुरक्षा का?’’

आंकड़ों को सरकारी चैम्बरों में रखा गया कैद

प्रियंका गांधी ने दावा किया, ‘‘आज भी टीकाकरण के आंकड़ों की कुल संख्या दी जा रही है आबादी का अनुपात नहीं और उसमें पहली व दूसरी डोज को एक में ही जोड़ कर बताया जा रहा है। ये आंकड़ों की बाजीगरी है। कोरोना से जुड़े तमाम आंकड़ों को केवल सरकारी चैम्बरों में कैद रखा गया एवं वैज्ञानिकों द्वारा पत्र लिखकर इन आकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग के बावजूद भी ये नहीं किया गया।’’

…एंटीजन टेस्ट की सीमित क्षमता

उन्होंने कहा, ‘‘उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों ने जांच के आंकड़ों में भारी हेरफेर की। सरकार ने कुल जांच की संख्या में आरटीपीसीआर एवं एंटीजन जांच के आंकड़ों को अलग-अलग करके नहीं बताया। इसके चलते कुल संख्या में तो टेस्ट ज्यादा दिखे, लेकिन वायरस का पता लगाने की एंटीजन टेस्ट की सीमित क्षमता के चलते वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या का सही अंदाजा नहीं लग सका।’’

बीमारी का फैलाव क्या है…

कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी ने कहा, ‘‘कोरोना महामारी में लोगों ने सरकार से आंकड़ों की पारदर्शिता की आवश्यकता स्पष्ट की थी। ऐसा इसलिए जरूरी है कि आंकड़ों से ही पता लगता है, बीमारी का फैलाव क्या है, संक्रमण ज्यादा कहां है, किन जगहों को सील करना चाहिए या फिर कहां टेस्टिंग बढ़ानी चाहिए। इस पर अमल नहीं हुआ। जिम्मेदार कौन?’’

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