आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण में एक बार फिर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत आवासों का निर्माण करने वाले कंट्रैक्टर ने एलडीए के इंजीनियर पर घूस नहीं मिलने के चलते भुगतान रोकने का आरोप लगाया है।
शारदा नगर विस्तार में पीएम आवास योजना के तहत 624 आवासों का ठेका लेकर निर्माण कराने वाली कंपनी प्रताप हाईट्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से इस मामले में एलडीए उपाध्यक्ष से लिखित शिकायत करते हुए मामले से जुड़ी पत्रावलियों की जांच कराकर भुगतान व कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है। ठेकेदार के आरोप की असलियत जहां जांच के बाद ही पता चल पाएगी। वहीं प्रधानमंत्री से जुड़े प्रोजेक्ट में इस तरह का मामला सामने आने के बाद अधिकारी खुलकर बोलने से भी बच रहें हैं।
ये है मामला-
प्रताप हाईट्स की ओर से पिछले हफ्ते की गयी शिकायत के अनुसार कंपनी ने रनिंग बिल 6,03,58,836 रुपये का काम पूरा कर एलडीए में बिल प्रस्तुत कर दिया था, लेकिन घूस नहीं मिलने के कारण अधीक्षण अभियंता चक्रेश जैन ने पत्रावलियों पर आपत्ति लगाते हुए भुगतान नहीं किया। जिसके चलते आवास निर्माण का काम बंद हो गया है और उससे जुड़े हजारों मजदूर, मिस्त्री व सप्लायर बेरोजगार हो गए हैं। निर्माण कंपनी की शिकायती पत्र को एलडीए वीसी ने सचिव, जबकि सचिव ने चीफ इंजीनियर को मामले की जांच के लिए भेजा है।
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इस मामले में अधीक्षण अभियंता ने आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि उनके पास न तो फाइल भेजी गयी है और न ही ठेकेदार से उनकी कोई मुलाकात हुई है। वहीं मुख्य अभियंता इंदूशेखर सिंह का कहना है कि शिकायत के साथ कंपनी द्वारा कोई आधार नहीं उपलब्ध कराया है। जहां तक पेमेंट की बात है तो इसको करने का अधिकार अकेले इंजीनियर के पास ही नहीं होता। पेमेंट रोकने की बात भी निराधार है मार्च के बाद एलडीए लॉकडाउन के चलते अधिकतर समय तक बंद ही रहा।