कोरोना के कारण अब शादियों में 200 की जगह 50 लोग ही हो सकेंगे शामिल, दिल्‍ली सरकार के प्रस्‍ताव को LG ने किया मंजूर

उपराज्यपाल अनिल बैजल

आरयू वेब टीम। दिल्ली में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिल्‍ली में शादियों में मेहमानों की संख्या घटाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। उपराज्यपाल अनिल बैजल के प्रस्‍ताव को स्वीकार करने के बाद अब नए नियम के मुताबिक, दिल्ली में किसी भी शादी समारोह में 50 से ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते। अभी तक इकट्ठे होने वाले लोगों की संख्या 200 थी।

उपराज्‍यपाल के फैसले की जानकारी मनीष सिसोदिया ने मीडिया को दी। मनीष सिसोदिया ने बताया कि उपराज्यपाल ने शादियों में 50 लोगों के शामिल होने को मंजूरी दे दी है। यह जरूरी कदम था, क्योंकि जितने ज्यादा लोग एक जगह पर इकट्ठा होंगे उतना ही खतरा बढ़ेगा। लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा, लेकिन लोगों को बड़ी संख्या में इकट्ठा करने से रोकना होगा।

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दिल्ली सरकार ने इसका प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा था। इजाजत मिलते ही दिल्ली सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए ये आदेश लागू कर दिया है। वैसे बाजारों को बंद किए जाने के मामलें अभी तक कोई फैसला नहीं आया है। वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने यह साफ किया है कि लॉकडाउन जैसी कोई बात नहीं है, बस कुछ जगहों पर पब्लिक रिस्ट्रिक्शन पर विचार किया जा रहा है।

वहीं ट्रेडर्स बॉडी और बैंक्वेट हॉल असोसिएशन की तरफ से इसपर विरोध जताया गया था। शादी समारोहों में सिर्फ 50 लोगों को इजाजत देने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर बैंक्वेट हाल एसोसिएशन ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा और कहा था अधिकतम गैदरिंग की संख्या 200 से घटाकर 50 करने पर बैंक्वेट हाल इंडस्ट्री को नुकसान होगा और ये इंडस्ट्री को अपंग बना देगा।

पत्र में कहा गया है कि ’25 नवंबर से शादी का सीजन शुरू हो रहा है और अब सरकार ने समारोह में शामिल होने वाली सीमा को 200 से घटाकर 50 करने का फैसला किया है, यह मनमाना फैसला करते हुए हमारा (बैंक्वेट हॉल इंडस्ट्री) का पक्ष भी नहीं जाना गया। हमारा व्यापार सीज़नल है और कई छोटे क्षेत्र के लोग इससे जुड़े हुए हैं। अगर ऐसा फैसला लिया जाता है तो उनकी रोजी-रोटी पर बन आएगी, इसलिए विनती है कि महामारी से बचने के उपाय तो किए जाएं लेकिन साथ-साथ बैंक्वेट इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की रोजी-रोटी का भी ध्यान रखा जाए।’

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