आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कोरोना के खिलाफ जंग में उत्तर प्रदेश में कोविड अस्पतालों में एक लाख बेड तैयार हो गए हैं। इसके साथ ही यूपी एक लाख बेड तैयार करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज प्रदेश के हर जनपद में एल-1 और एल-2 कोविड अस्पताल उपलब्ध हैं। एल-1 कोविड अस्पतालों में सामान्य बेड के साथ ही, ऑक्सीजन आपूर्ति की सुविधा से युक्त बेड भी उपलब्ध हैं।
योगी ने राज्य में एल-1, एल-2 व एल-3 कोविड अस्पतालों में बेड की कुल क्षमता को बढ़ाकर एक लाख से अधिक करने तथा कोविड-19 की टेस्टिंग क्षमता के दस हजार पार करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सीएम ने कहा कि आज प्रदेश के एल-2 कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेड के साथ ही, वेंटीलेटर की सुविधा से युक्त बेड भी उपलब्ध हैं।
इस दौरान योगी ने कहा कि मार्च, 2020 के प्रथम सप्ताह में जब प्रदेश में कोरोना वायरस कोविड-19 का पहला मामला प्रकाश में आया था, उस समय राज्य में इसकी टेस्टिंग क्षमता मात्र 50 थी। केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश की टेस्टिंग क्षमता को विकसित कर 10,000 से अधिक कर लिया गया है
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वहीं प्रदेश में लेवल तीन के भी 25 अस्पताल तैयार किये गये हैं। कोरोना के सामान्य मरीजों के लिए लेवल-1 और लेवल-2 के अस्पताल हैं। यहां बता दें कि कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए लेवल तीन के अस्पताल पूरी तरह तैयार हैं। लेवल-1 के अस्पतालों में सामान्य बेड के अलावा आक्सीजन की भी व्यवस्था की गई है। लेवल-2 के अस्पतालों में बेड पर आक्सीजन के साथ कुछ में वेंटिलेटर की भी व्यवस्था की गई है। लेवल-3 के अस्पतालों में वेंटिलेटर, आईसीयू और डायलसिस की व्यवस्थाओं समेत गंभीर मरीजों के लिए हर तरह की अत्याधुनिक सुविधाओं का दावा यूपी सरकार ने किया है।
कोरोना के पहले केस के वक्त यूपी के 36 जनपदों में वेंटिलेटर नहीं थे। जिसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर हर जनपद में पर्याप्त वेंटिलेटर दिये गये। लॉकडाउन के दौरान नोएडा में वेंटिलेटर निर्माण की यूनिट भी शुरू की गई। महंगे वेंटिलेटर खरीदने के बजाय योगी सरकार ने सस्ते और पोर्टेबल वेंटिलेटर खुद ही बनवाए। इनकी कीमत डेढ़ से दो लाख रुपये थी।