आरयू इंटरनेशन डेस्क।
ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कॉस्ट में खेले जा रहे 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स के आखिरी दिन भारत ने 26 गोल्ड समेत 66 पदकों के साथ अपने शानदार आगाज का समापन किया। रविवार को महिला एकल बैडमिंटन के निर्णायक मुकाबले में साइना नेहवाल ने देश की नंबर एक खिलाड़ी और ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु को 21-18, 23-21 से शिकस्त देकर गोल्ड मेडल भी अपने नाम किया। दूसरी ओर अपनी हमवतन से हारने के बाद पीवी सिंधु को रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।
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वहीं 26 गोल्ड, 20 सिल्वर और 20 ब्रांज मेडल के साथ भारत ने 66 मेडल हासिल करते हुए कॉमनवेल्थ खेलों में भारत अभी तक का तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सका। इन पदकों की बदौलत भारत ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बाद पदक तालिका में अपनी तीसरी पोजिशन बनाए रखने में कामयाब रहा। वहीं 88 साल के इतिहास में भारत का विदेश की धरती पर ये सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। 10वें व अंतिम दिन का आखिरी पदक बैडमिंटन पुरुष डबल्स में सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की फाइनल में हार के साथ रजत के रूप में आया।
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दूसरी ओर आज करोड़ों खेल प्रेमियों की नजरें इस बात पर भी रही कि क्या भारत साल 2014 में ग्लास्गो के प्रदर्शन को पीछे छोड़ पाएगा या नहीं। भारतीय दल ने इन उम्मीदों पर पूरी तरह खरा उतरते हुए ग्लास्गो के 64 पदकों को पीछे छोड़ते हुए 66 पदकों के साथ इतिहास रच दिया।
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