दिग्‍गज पत्रकार कुलदीप नैयर ने दुनियां को कहा अलविदा, दिल्‍ली के अस्‍पताल में ली अंतिम सांस

पत्रकार कुलदीप नैयर

आरयू वेब टीम। 

देश के दिग्‍गज पत्रकारों में गिने जाने वाले कुलदीप नैयर का बीती रात नई दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। नैयर बीते तीन दिनों से अस्पताल के आइसीयू में भर्ती थे। रात करीब साढ़े बारह बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

95 साल के कुलदीप नैयर की सेहत काफी समय से खराब चल रही थी। नैयर के निधन की जानकारी देते हुए बड़े बेटे सुधीर नैयर ने बताया कि उनके पिता का निधन कल आधी रात के बाद 12 बजकर 30 मिनट पर एक निजी अस्पताल में हुई और आज दोपहर एक बजे लोधी रोड पर स्थित घाट में अंतिम संस्कार होगा।

नैयर दशकों से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय थे। पत्रकारिता जगत में कुलदीप नैयर पत्रकारिता अवार्ड भी दिया जाता है। उन्होंने कई किताबें भी लिखी थीं। नैयर का जन्म 14 अगस्त, 1923 को पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था।

यह भी पढ़ें- नहीं रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, एम्‍स में थमी सांसें

शुरुआती दिनों में कुलदीप नैयर एक उर्दू प्रेस रिपोर्टर थे। वह दिल्ली के समाचार पत्र द स्टेट्समैन के संपादक भी रह चुके थे। वह डेक्कन हेराल्ड (बेंगलुरु), द डेली स्टार, द संडे गार्जियन, द न्यूज, द स्टेट्समैन, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून पाकिस्तान, डॉन पाकिस्तान, सहित 80 से अधिक समाचार पत्रों के लिए 14 भाषाओं में कॉलम लिखते रहे। कुलदीप नैयर ने ‘इण्डिया हाउस’, ‘स्कूप’ ‘द डे लुक्स ओल्ड’, ‘डिस्टेण्ट नेवर: ए टेल ऑफ द सब कॉनण्टीनेण्ट’, ‘इण्डिया आफ्टर नेहरू’, ‘वाल एट वाघा, इण्डिया पाकिस्तान रिलेशनशिप’, ‘बिटवीन द लाइन्स’ जैसी कई किताबें लिखी थीं।

कुलदीप नैयर आपातकाल (1975-77) के दौरान जेल में भी रहे। 1996 में संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य थे। 1990 में उन्हें ब्रिटेन में उच्चायुक्त नियुक्त किया गया था, अगस्त 1997 में राज्यसभा में नामांकित किया गया था। 23 नवम्बर, 2015 को वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक कुलदीप नैयर को पत्रकारिता में आजीवन उपलब्धि के लिए रामनाथ गोयनका स्मृ़ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

यह भी पढ़ें- पूर्व पीएम के निधन पर यूपी में सात दिनों का राजकीय शोक, कल बंद रहेंगे कार्यालय, स्‍कूल व दुकानें