आरयू वेब टीम। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शनिवार को आप सरकार की उपल्बधियां गिनाते हुए दिल्ली का बजट विधानसभा में पेश किया। जिसके बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लिए इस साल “रोजगार बजट” पेश किया गया। बेरोजगारी के इस दौर में ये बजट युवाओं के लिए ढेरों रोजगार तैयार करेगा। ये बजट प्रगति के मार्ग पर अपनी दिल्ली की गति को और तेज करेगा।
इस बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार का ‘रोजगार बजट’ युवाओं के लिए बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करेगा। केजरीवाल ने कहा कि बजट में दिल्ली के हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में करीब 76 हजार करोड़ का बजट पेश किया गया। ईमानदार सरकार की वजह से बजट बढ़ गया है। साल साल में ढाई गुणा बड़ा बजट पेश किया है।
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने लगातार आठवें वर्ष बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार दिल्ली में 20 लाख नौकरियां पैदा करने के लिए अगले पांच साल में 4,500 करोड़ रुपए खर्च करेगी। उन्होंने शनिवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 75,800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.86 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट का आकार 69,000 करोड़ रुपये था। यह बजट परिव्यय को 1,036 आउटपुट और आउटकम संकेतकों पर मैप करके सुनिश्चित किया जाता है।
जब सरकार एक योजना शुरू करती है और बुनियादी ढांचे और पूंजीगत व्यय के लिए धन आवंटित करती है, तो यह आउटपुट होता है। लेकिन ‘परिणाम’ से तात्पर्य उस योजना से लोगों को मिलने वाले लाभों से है। उदाहरण के लिए, यदि सरकार किसी अस्पताल में एक्स-रे मशीन स्थापित करती है, तो यह सरकार का आउटपुट है, लेकिन उस मशीन के माध्यम से कितने लोगों का परीक्षण किया गया है, इसका परिणाम है।
पिछले बजट में केजरीवाल सरकार ने स्कूलों में नई कक्षाओं के निर्माण का प्रस्ताव रखा था और दिसंबर 2021 तक दिल्ली सरकार के स्कूलों में 13,181 नए कमरे विकसित किए हैं।
2021-22 में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नामांकन नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 18 लाख हो गई है।
2021-22 के दौरान 20 स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस शुरू किए गए, जो लगभग 2300 छात्रों के साथ स्टैम, मानविकी, प्रदर्शन और दृश्य कला और 21 वीं सदी के उच्च कौशल के डोमेन को कवर करते हैं। केजरीवाल सरकार ने अब इस सूची में 11 नए एसओएसईजोड़े हैं। इस साल इन स्कूलों के लिए आवेदन 48,000 के आंकड़े को पार कर गए हैं।
जैसा कि बजट 2021-22 में वादा किया गया था, दिल्ली सरकार ने दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (डीबीएसई) की स्थापना की है और 30 स्कूलों को इससे संबद्ध किया गया है।
दिल्ली सरकार ने दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में ‘देशभक्ति’ पाठ्यक्रम शुरू किया है। अगले साल से इसे निजी स्कूलों में भी शुरू किया जाएगा।
छात्रों को सूचित करियर विकल्प बनाने में मदद करने के लिए दिल्ली सरकार के स्कूलों में देश के मेंटर कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके लिए 50,000 सलाहकारों ने स्वेच्छा से 1 लाख से अधिक छात्रों का मार्गदर्शन किया है।
पिछले साल, दिल्ली सरकार ने दिल्ली सरकार के स्कूलों के छात्रों के बीच उद्यमशीलता की मानसिकता को विकसित करने के लिए “बिजनेस ब्लास्टर्स” कार्यक्रम शुरू किया था। इस कार्यक्रम के तहत, तीन लाख छात्रों को प्रति छात्र 2000 रुपये की बीज राशि प्रदान की गई, जिससे 51000+ नए व्यावसायिक विचारों का जन्म हुआ। 126 चुनिंदा विचारों के लिए एक्सपो आयोजित किया गया था और अब देश भर के निवेशक उनमें निवेश कर रहे हैं।