आरयू ब्यूरो, लखनऊ/मुजफ्फरनगर। प्रदेश के मुजफ्फरनगर में खतौली स्थित नवीन मंडी स्थल में रविवार को सपा रालोद गठबंधन के भाईचारा सम्मेलन में योगी सरकार पर हमला बोला। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि कार्यक्रम को रोकने की कोशिश की गई, सरकार के लोग अभी समझ ही नहीं पाएं, हमें छेड़ो मत, हो सकता है खुद ही रुक जाएं, लेकिन, अगर रोकोगे-टोकोगे तो किसी के रोकने से न रुकेंगे। अंगारे का कौन ख्याल रखे यहां तो बात चिंगारी की है, चिंगारी अभी जिंदा है।
उन्होंने गन्ना मूल्य को लेकर भी निशाना साधा और कहा कि सरकार गन्ने का भाव खोलने को तैयार नहीं है। जयंत चौधरी ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर यह चुनाव वह हमेशा याद रखेंगे। तीन गांवों में उन्होंने स्वयं डोर टू डोर पर्ची बांटी।
वही रालोद की नये साल की रणनीति को लेकर कहा कि इसमें समरसता सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। रालोद अध्यक्ष ने कहा कि नए साल में 1500 छोटे बड़े गांव में वह स्वयं जाएंगे और लोगों से संवाद कायम करेंगे। हर दिन 10-15 गांव में बैठक होगी, लोगों को अपनी बात कहने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश में किसानों के हालात दुर्दशा किसी से छिपे नहीं हैं, किसानों की समस्याओं की अनदेखी की जा रही है।
जयंत चौधरी ने खतौली की जनता को सलाम करते हुए कहा कि आपने वह कर दिखाया जो बहुत लोगों की नजर में असंभव था। आपने साबित किया कि ये देश आज भी महात्मा गांधी, बाबा साहेब, सरदार पटेल और चौधरी चरण सिंह को मानने वालों का है। उन्होंने कहा कि गठबंधन के जरिए व्यवस्था बदलने की लड़ाई है। किसान परिवार की मासिक आय सिर्फ आठ हजार है, एक परिवार में कई-कई सदस्य होते हैं। सरकार के दलाल किसानों को परेशान करते हैं, लेकिन किसानों की चिंता नहीं करते।
चीन हमारी सीमा पर घुसपैठ बढ़ रहा, लेकिन सरकार…
उन्होंने कहा कि चीन हमारी सीमा पर घुसपैठ बढ़ रहा, लेकिन सरकार कोई जवाब देने को तैयार नहीं है। हम देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि जो लोग कहते हैं कि चीन पर सवाल मत करो मैं उनसे कहना चाहता हूं कि हम सैनिकों और इस देश के नौजवानों के हितों की बात कर रहे हैं। अग्निवीर योजना बंद कर दीजिए।
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इससे पहले खतौली नवीन मंडी में रालोद-सपा गठबंधन का भाईचारा सम्मेलन को लेकर जिला प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद गठबंधन पदाधिकारियों ने भाजपा नेताओं और जिला प्रशासन पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था को लेकर सीओ के माध्यम से अनुमति मिल गई थी, लेकिन सम्मलेन से एक दिन पहले ही प्रशासन की तरफ से अनुमति रद्द करा दी गई। इससे साफ जाहिर होता है कि यह सब साजिश के तहत किया गया है।