मुख्य निर्वाचन आयुक्‍त
मीडिया को जानकारी देते मुख्य निर्वाचन आयुक्‍त सुनील अरोड़ा व साथ में अन्य अधिकारी।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्‍त सुनील अरोड़ा ने लखनऊ में तीन दिन तक जिलों व मंडल के शीर्ष प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद शुक्रवार को केंद्र सरकार के तमात अधिकारियों के साथ बैठक कर साफ किया कि देश में लोकसभा चुनाव 2019 समय से ही होंगे।

योजना भवन में प्रेसवार्ता कर सुनील अरोड़ा ने चुनाव की तारीख आगे बढऩे की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया। मुख्य निर्वाचन आयुक्‍त ने कहा कि हमारी तैयारी पूरी है और हम समय से ही चुनाव कराएंगे।

उन्होंने आज लखनऊ में केंद्र सरकार के शीर्ष अधिकारियों व सुरक्षाबल के जिम्मेदार लोगों से साथ बैठक की। इसमें उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार भी मौजूद थे। इसके अलावा राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ ही राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, विभिन्न विभाग के अधिकारियों और सरकार के शीर्ष अधिकारियों के साथ भी बैठक की थी।

वहीं निर्वाचन आयुक्‍त ने बताया कि आज सुबह जितनी भी सेंट्रल एजेंसी है, उनके अधिकारियों के साथ बैठक हुई। साथ ही जिलाधिकारियों व एसपी, एडीजे और संभागीय आयुक्तों के साथ बैठक की। सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी बात हुई है। प्रेसवार्ता में चीफ इलेक्शन कमिश्‍नर के साथ इलेक्शन कमिश्‍नर अशोक लवासा व सुशील चंद्रा भी मौजूद थे।

यह भी पढ़ें- देश के 23वें मुख्य चुनाव आयुक्‍त के रूप में सुनील अरोड़ा ने संभाला कार्यभार, जानें इनसे जुड़ी खास बातें

उत्तर प्रदेश के बारे में बात करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि यूपी एक राज्य नहीं देश है। यहां सांप्रदायिकता, जातिवाद, कानून व्यवस्था और बाहुबल चुनाव कराने की चुनौतियां हैं, लेकिन हमारी तैयारियां चुनाव को सफल बनाने के लिए पूरी हैं। आगे बताया कि बैठक में जातिगत भाषणों पर रोक, राजनीतिक दलों ने खर्चे की समय तय करने की मांग, कानून व्यवस्था के साथ-साथ चुनाव प्रभावित करने वाले तरीकों पर ध्यान दिए जाने को लेकर भी चर्चा की गई।

ईवीएम के साथ ही वीवीपैट का किया जाएगा प्रयोग

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि लोकसभा के साथ ही साथ विधानसभा चुनावों में ईवीएम को फुटबॉल बना दिया गया है। अगर रिजल्ट अच्छा है तो ईवीएम अच्छी है अगर रिजल्ट खराब है तो ईवीएम खराब है। उन्होंने कहा कि इस बार प्रदेश के सभी एक लाख 63 हजार 331 मतदान केंद्रो पर ईवीएम के साथ-साथ वीवीपैट का प्रयोग किया जाएगा। वीवीपैट मशीन के उपयोग के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिये शुरू किये गये अभियान को बूथ स्तर तक ले जाने की कोशिश की जाएगी। इस बार प्रत्याशियों को अपनी पांच वर्ष की आय का विवरण देना होगा। जिसमें स्वयं, पत्नी, बच्चों (बेटा-बेटी) सभी की संपत्ति का विवरण देना होगा। पहली बार ऐसा हो रहा है कि विदेश की संपत्ति का विवरण भी देने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें पैन कार्ड के साथ शपथ पत्र में देना होगा। इसकी आयकर विभाग से जांच कराई जाएगी। इसमें विसंगतियां मिलने पर इसे आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।

पोलिंग बूथ पर होगी पानी व टॉयलेट जैसी सुविधा

साथ ही पोलिंग बूथ पर पानी टॉयलेट शेड बिजली की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है। इसे और बेहतर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने हमें आश्वासन दिया है कि ज्यादातर गैप को हम जल्द ही पूरा कर लेंगे मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट कमेटी में एक एक सोशल मीडिया एक्सपर्ट को भी शामिल किया जाएगा। चुनाव के दौरान धार्मिक उन्माद वाले भाषणों पर उन्होंने कहा कि मैंने पिछले दिनों जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था उनकी जानकारी ली है। साथ ही कल जनप्रतिनिधियों के साथ भी हमने बैठक की थी। उन लोगों ने जातिवाद फैलाने पर चुनाव रोकने की सलाह दी थी। मतदाता सूची में नाम ना होने की शिकायत आम होने की भी बात कही है। चुनाव में केंद्रीय बलों को तैनात करने की मांग भी रखी गई है।

‘सी-विजिल’ मोबाइल एप से छूटे नाम को करा सकेंगे पंजीकृत

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान पूरे देश में ‘सी-विजिल’ मोबाइल एप्लीकेशन जारी किया जाएगा, जिस पर कोई भी नागरिक चुनाव से संबंधित शिकायत दर्ज करा सकता है। इस एप में हर नागरिक शिकायत दर्ज करा सकेगा। उन्होंने बताया कि यूपी में इस एप का पहली बार इस्तेमाल होगा। जिनका नाम मतदाता सूची से छूट गया है वो अपना नाम इस एप की सहायता से पंजीकृत करा सकते हैं। आयोग उन शिकायतों पर हुई कार्रवाई को अपने खर्च पर अखबारों में छपवाएगा। सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिये एमसीएमसी कमेटियों में एक-एक सोशल मीडिया विशेषज्ञ की तैनाती होगी।

यह भी पढ़ें- EVM के विरोध के बीच, मुख्य चुनाव आयुक्त की दो टुक बैलेट पेपर के युग में हम नहीं लौटने वाले