आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मथुरा में प्रस्तावित बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को लेकर योगी सरकार पर सोमवार को यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने निशाना साधा है। साथ ही आरोप लगाया कि भाजपा धार्मिक विकास परियोजनाओं को भ्रष्टाचार और जेब भरने का जरिया बना रही है।
अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर पोस्टकर कहा, ‘‘एक सीधा सवाल ये है कि कॉरिडोर या विकास के नाम पर जो भी धंधा हो रहा है, अगर उसका लाभ स्थानीय लोगों को मिला होता तो भाजपा ऐसी जगहों पर क्यों हारती या हारते-हारते बचती जहां ये सब हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी के अपने ‘भाजपाई महा भ्रष्टाचार ट्रेनिंग मैन्युअल’ में ‘कॉरिडोर करेप्शन’ नाम का एक अध्याय है।’’
सपा प्रमुख ने इसी पोस्ट में स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘कैसे नियंत्रण, धन, संपत्ति, कोष को हथियाएं, कैसे सरकारी करण करें, कैसे चढ़ावे को बेचकर भाजपाई अपनी जेब भरें, कैसे सुविधाओं के नाम पर जनता को गुमराह करें, कैसे परिसरीय जमीन पर कब्जा करें, कैसे मुआवजे के नाम पर कमाई करें।’’ अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘कैसे जमीनों को औने-पौने दामों में खरीदें, कैसे बाद में दस गुना दाम पर जमीन बेचें, कैसे छोटी दुकानों और उनकी कमाई को मटियामेट कर दें, कैसे बड़े शोरूमों से इकट्ठा धन लेकर उन्हें स्थानीय लोगों का कारोबार छीन कर दे दें, कैसे स्थानीय कारीगरों की कलाकृतियों की दुकानें उजाड़ें।
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इसके पहले शनिवार को उन्होंने एक प्रेसवार्ता में आरोप लगाया था, ‘‘कॉरिडोर के नाम पर बहुत बड़ा भाजपाई लूट तंत्र सक्रिय है जो तरह-तरह के बहाने करके आसपास के लोगों की जमीन औने-पौने दाम में ले लेता है और बाद में ऊंचे दाम पर बेच देता है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इस खेल में कुछ गिने-चुने भाजपाई मलाई काट लेते हैं और जनता के साथ धोखा हो रहा है। इसलिए (लोकसभा चुनाव) अयोध्या और प्रयागराज में भाजपा हारी एवं बनारस में हारते-हारते बची तथा अब मथुरा और गोरखपुर का नंबर है।’’