आरयू ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश में बड़ी संख्या में बच्चे डॉक्टर बन रहे हैं। लेकिन चिंता की बात है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद वह विदेश चले जा रहे हैं। हमे मंथन कर इस पर रोक लगाना होगा। आज के समय में डॉक्टरी पेशा पैसा कमाने का जरिया बनता जा रहा है, जबकि यह सेवा का क्षेत्र है। डॉक्टरों को चाहिए कि वह सेवा भाव से अमीर-गरीब को एक समान अपनी सेवाएं दे। यह बातें आज उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने केजीएमयू के साइंटिफिक कन्वेंशन सेन्टर में नार्थ जोन युवा फांग्सी कांफ्रेंस में कही।
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प्रदेश की जनता के इलाज में आ रही दिक्कतों का जिक्र करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार हर किसी को चिकित्सीय सुविधाएं देने का हर संभव प्रयास कर रही है। हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती चिकित्सालयों में पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध कराना है, लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देना सरकार की जिम्मेदारी है। गंभीर बीमारियों के भी गरीब मरीज अस्पताल पहुंचते हैं, उनकी चिकित्सा सुविधा के लिए कैशलैस उपचार दिए जाने पर भी सरकार विचार कर रही है।
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इस दौरान भावुक हुए केशव मौर्या ने अपने बचपन का भी एक किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि एक समय पिता जी के इलाज के लिए घर के गहने तक गिरवी रखने पड़े थे। बाद में उन गहनों को छुड़ाने के लिए चाय तक बेचनी पड़ी थी। इसलिए मैं हर गरीब का दर्द समझता हूँ। मेरे लिए राजनीति गरीब के साथ ही देश की सेवा करने का सुन्दर अवसर है।
केशव मौर्या करप्शन पर बोले कि सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने का प्रयास कर रही हैं। इसके अलावा चिकित्सकों का उत्पीड़न न हो इसका भी प्रबंध किया जा रहा है।
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कांफ्रेंस के दौरान उप मुख्यमंत्री ने मिस इण्डिया पंखुड़ी गिडवानी, रेड ब्रिगेड संस्था तथा ऐसिड अटैक ग्रुप को सम्मानित करने के साथ ही शोध पत्रों का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक, केजीएमयू के वाइस चांसलर डा. एमएल भट्ट प्रो. चन्द्रावती, डा.प्रीती कुमार, डा. मंजू शुक्ला समेत बड़ी संख्या में डॉक्टर व अन्य लोग मौजूद रहे।