आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुके सरकारी विभागों में करप्शन और लेतलतीफी पर रोक लगाने के लिए आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बेहतर शुरूआत की। भ्रष्टाचार और लापरवाही पर कुछ हद तक लगाम लगाने के लिए लंबे समय से महसूस हो रही ई-ऑफिस प्रणाली की आज सीएम ने विधान भवन के तिलक हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में शुरूआत कर दी।
शुरूआती दौर में यह प्रणाली मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय समेत उत्तर प्रदेश के 20 विभागों में लागू होगी। जबकि इस साल के अंत तक बाकी बचे 72 विभागों में भी यह प्रणाली शुरू हो जाएगी। इसके अलावा अगले साल 31 मार्च तक यूपी के समस्त जिला मुख्यालयों को इस प्रणाली से जोड़ दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ई-ऑफिस प्रणाली के लिए तैयारी करने के लिए सभी विभाग को पहले ही निर्देश जारी किए जा चुकें हैं।
यह भी पढ़ें- योगी की कैबिनेट का फैसला अब भर्ती होंगे 26500 शिक्षक, सैलरी होगी इतनी
इन विभागों में भी लागू होगी नई प्रणाली
सचिवालय प्रशासन, कार्यक्रम कार्यान्वयन, खेल, सार्वजनिक उद्यम, युवा कल्याण, दुग्ध विकास, पर्यावरण, नागरिक उड्डयन, खादी एवं ग्रामोद्योग, संस्कृति, आबकारी, मत्स्य उत्पादन, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और निर्यात प्रोत्साहन, सूचना, निर्वाचन, लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल, आइटी एवं इलेक्ट्रानिक्स, खनिकर्म, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत और होमगार्ड।
इस दौरान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या व दिनेश शर्मा, मुख्य सचिव राजीव कुमार नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना समेत अन्य मंत्री व अफसर भी मौजूद रहें।
यह भी पढ़ें- योगी की हरि झंडी के बाद सड़कों पर दौड़ी भगवा बसें