आरयू वेब टीम। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी को प्रवर्तन निदेशालय ने 354 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले के आरोप में मंगलवार सुबह गिरफ्तार किया गया है। पुरी मोजरबेयर के पूर्व कार्यकारी निदेशक भी रह चुके हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रतुल पुरी और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
वहीं रतुल पुरी की गिरफ्तारी के खिलाफ उनके वकील दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे हैं। आज कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी। सूत्रों का कहना है कि ईडी के पास चार हजार करोड़ रुपये के एनपीए केस से जुड़ी काफी महत्वपूर्ण जानकारी है। साथ ही ईडी को पुरी के दुबई कनेक्शन की भी जानकारी मिली है, जिसमें पता चला है कि करीब 100 मिलियन डॉलर की रकम गलत तरीके से दुबई में निवेश की गई थी। ईडी की टीम इस संबंध में हाईकोर्ट में दलील रखेगी।
इस मामले में मोजरबेयर का कहना है, “प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई गिरफ्तारी दुर्भाग्यपूर्ण है। मोजरबेयर ने कानूनी के अनुसार काम किया था। यह मामला अब, जब मोजरबेयर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में है, राजनीति से प्रेरित है।”
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बता दें रतुल पुरी 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले की जांच के दायरे में भी हैं, लेकिन अब ईडी ने उन्हें बैंक घोटाला मामले में गिरफ्तार किया है। इससे पहले ईडी ने अदालत में ये बात भी कही थी रतुल पुरी अगस्ता वेस्टलैंड के मामले में जांच से बच रहे हैं। हालांकि पुरी ने अपने खिलाफ गैर जमानती वारंट रद्द करने के लिए कोर्ट में याचिका भी दायर की थी।
जांच एजेंसी ने पुरी की इस याचिका का विरोध कर कहा है कि उसने कई बार पुरी को बुलाया था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। पुरी के वकील विजय अग्रवाल ने दावा किया है कि पुरी जांच में सहयोग करना चाहते हैं, लेकिन एजेंसी उनके प्रति निष्पक्ष नहीं रही है।
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साथ ही अग्रवाल ने यह भी बाताया कि “वो ईडी के साथ जांच में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन ईडी ने उन्हें ईमेल भेज दोपहर एक बजे बुलाया, जो कि ठीक नहीं है। कोई व्यक्ति इतने कम समय के नोटिस में जांच में कैसे शामिल हो सकता है। फिलहाल अदालत ने पुरी की याचिका पर अपना आदेश 21 अगस्त कर के लिए सुरक्षित रख लिया है।”
मालूम हो कि यह मुकदमा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से दायर 354 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले मामले में दर्ज किया गया था, जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने 14 अगस्त को पुरी को 20 अगस्त तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था।