आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। बसपा सुप्रीम मायावती ने आज संविधान के रक्षा की बात करते हुए भाजपा, आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कांग्रेस पर भी हमला बोला है। मायावती ने कहा कि बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर का समतामूलक मानवतावादी भारतीय संविधान आज खतरे में जरूर है, परन्तु यह भी सत्य है कि संविधान को उसकी सही मंशा के अनुसार लागू करके देश का कल्याण करने के मामले में कांग्रेस किसी भी प्रकार से बीजेपी एण्ड कंपनी से कम फेल नहीं रही है। उन्होंने आगे कहा कि संविधान के उद्देश्यों को फेल साबित करने के मामले में बीजेपी व कांग्रेस ये दोनों ही चोर-चोर मौसेरे भाई हैं।
कांग्रेस के स्थापना दिवस पर आज दिए गए राहुल गांधी के संविधान खतरें में है वाले बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मायावती ने कहा कि बीजेपी एण्ड कंपनी के लोग चाहे लाख नकारें परन्तु यह सभी जानते है कि आरएसएस की सोच संविधान व भारतीय तिरंगा विरोधी रही है। ये लोग मुंह में राम बगल में छुरी की तरह संविधान की शपथ लेकर सरकार में तो आ गए हैं, लेकिन इस संविधान की आड़ में अपनी घोर कट्टरवारी व जातिवादी सोच के मुताबिक लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। यही कारण है कि आज देश की हर संवैधानिक व लोकतांत्रिक संस्थायें यहां तक कि संसद, न्यायपालिका व कार्यपालिका सभी एक अभूतपूर्व संकट व तनाव के दौर से गुजर रही हैं।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए अपने बयान में कहा कि दूसरी तरफ यह भी सत्य है कि बाबा साहब ने देश के आजादी के बाद जिस सामाजिक व आर्थिक लोकतंत्र का मानवतावादी सपना देखा था, वह कांग्रेस के लंबे शासनकाल के दौरान बिखरता चला गया। छुआ-छूत जातीयता, जातिवादी हिंसा, व भेदभाव संविधान में तो समाप्त कर दिया गया, परन्तु सत्ता वर्ग के लोग इसको हर स्तर पर संरक्षण देते रहे। साथ ही अन्य पिछड़े वर्ग को उसका हक देने के मामले में काफी ज्यादा भेदभाव बढ़ता गया।
मायावती ने कहा कि बीजेपी व आरएसएस एण्ड कम्पनी अगर आज खुलेआम संविधान की अवमानना करके देश के इतिहास में काला अध्याय जोड़ रहे है, परन्तु कांग्रेस का भी दामन कम दागदार नहीं है। बसपा बाबा साहब के पवित्र संविधान की रक्षा में अपना जी-जान ही नहीं, बल्कि अपना सब कुछ कुर्बान कर देगी, लेकिन कांग्रेस पार्टी किस नैतिक आधार पर बीजेपी की संविधान विरोधी सोच से मजबूती से लडे़गी, यह देखने वाली बात होगी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने पीएम को निशाने पर लेते हुए कहा कि जहां तक मोदी की सरकार की संविधान को तिरंगा के बजाय भगवा रूप देने की बात है तो इससे डटकर लोहा लेने की क्षमता देश के सवा सौ करोड़ आम जनता खासकर देश के करोड़ों गरीबों, दलितों, पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों में है। जिनकी भलाई के लिए ही डा. अम्बेडकर ने दिन-रात मेहनत करके इस अनुपम संविधान का निर्माण किया था और जिसका अनुसरण करने की कोशिश दूसरे देश करते हैं।
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