आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। समायोजन रद होने के बाद से तंगहाली और अवसाद की जिंदगी गुजार रहे शिक्षामित्रों का सैलाब आखिरकार सूबे की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को उमड़ा पड़ा। हाथों में तिरंगा लिए प्रदेश भर से ईको गार्डेन पहुंचे बड़ी संख्या में महिला व पुरूष शिक्षामित्रों ने योगी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जमकर अपना गुस्सा निकाला। इस दौरान पुलिस व प्रशासनिक अफसर उन्हें मनाने में लगे रहें, लेकिन ठिठुरती ठंड में रात तक अपनी मांग को लेकर शिक्षामित्र ईको गार्डेन में ही जमे थे।
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प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाली आम शिक्षक/शिक्षामित्र एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष उमा देवी ने योगी सरकार पर मीडिया के सामने जमकर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने शिक्षामित्रों के साथ वादाखिलाफी कर बड़ी नाइंसाफी की है, जिसके चलते एक हजार से ज्यादा शिक्षामित्रों की असमय मौत हो चुकी है, लेकिन सरकार को काई फर्क नहीं पड़ रहा है। शिक्षामित्र पिछले साल 18 मई से लगातार ईको गार्डन में धरना दे रहें हैं, फिर भी उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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इस बीच सुहागिन शिक्षामित्रों ने अपने केश और ब्राह्मण शिक्षामित्रों ने जनेऊ तक का परित्याग कर दिया था, जिसके बाद उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शिक्षामित्रों को बुलाकर वार्ता की और अनुसूची-9 की मांग स्वीकार करते हुए दीवाली तक शिक्षामित्रों के घरों में खुशियां आने का वादा किया था, लेकिन उसके बाद भी आज तक कुछ नहीं हुआ।
उमा देवी ने सवाल उठाते हुए कहा कि दस हजार रुपए में शिक्षामित्रों को सरकार योग्य मान रही है तो शिक्षामित्र 40 हजार पर कैसे अयोग्य हो जा रहें हैं, इसका भी योगी सरकार एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को जवाब दे। अब बिना अनुसूची नौ की मांग पूरी हुए वो लोग राजधानी लखनऊ की धरती छोड़ने वाले नहीं हैं, फिर चाहे उन लोगों की जान ही क्यो न चली जाए। शिक्षामित्र अब अपना खोया हुआ सम्मान हासिल करके ही रहेंगे।
पूरे दिन ईको गार्डेन में गूंजते रहें भाजपा विरोधी और जय श्री राम के नारे
वहीं हाथों में तिरंगा लिए करीब डेढ़ लाख शिक्षामित्रों का हुजूम पूरे दिन ईको गार्डेन में डटा रहा। इस दौरान शिक्षामित्र लगातार अपनी एकता और भाजपा सरकार विरोधी नारेबाजी करते रहें। शिक्षामित्र भाजपा की नब्ज को समझते हुए लगातार जय श्री राम के नारे भी लगाते रहें।
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ये लोग भी प्रदर्शन में खड़े हुए शिक्षामित्रों के साथ
शिक्षामित्रों की तकलीफ को समझते हुए आज उनका साथ प्रदर्शन के दौरान कई अन्य संगठनों ने भी दिया। प्रदर्शन के दौरान शिक्षामित्रों की आवाज बुलंद करने के लिए नारी संगठन, दिव्यांग संघटन, रेलवे, किन्नर समाज, अधिवक्ता व कई अन्य समाज के लोग भी मौजूद रहें।
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सीओ आलमबाग ने कहा कि शिक्षामित्रों को समझाने के साथ ही उनसे अनुरोध किया गया है कि किसी भी तरह से कानून को अपने हाथ में नहीं ले। शनिवार को शिक्षामित्रों की शासन स्तर के अधिकारी से बात कराई जाएगी।