मायावती ने कहा, भतीजे आकाश को जोड़ूगी बसपा से, वजह भी बताई

मायावती क्रिसमस
बसपा सुप्रीमो मायावती। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। हाल के दिनों में बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ नजर आने वाले उनके भतीजे आकाश को लेकर गुरुवार को सूबे की पूर्व सीएम ने एक बड़ा बयान दिया है। मायावती ने कहा है कि वो अपने भतीजे आकाश को बसपा से जोड़ेंगी। साथ ही आज उन्‍होंने आकाश को लेकर मीडिया में चल रही खबरों के चलते मीडिया पर भी निशाना साधते हुए आकाश को जोड़ने की वजह घुमाफिराकर मीडिया को ही बताया है।

मायावती ने आज लखनऊ में जारी किए गए अपने एक बयान में कहा कि बसपा की लोकप्रियता में बढ़ोत्तरी और सपा के साथ गठबंधन ने उन दलों और नेताओं में अशांति पैदा की है जो दलित और जातिवाद विरोधी हैं। हमसे आमने-सामने लड़ने के बजाय वह हमारे खिलाफ अनर्गल बातें कर रहे हैं और कुछ जातिगत व दलित विरोधी चैनलों के साथ मिलकर हमारे खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं, जो काफी निंदनीय है।

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मायावती का भतीजा
मायावती के जन्मदिन पर उनके साथ इस तरह नजर आया था भतीजा आकाश। (नीले सूट में)

बसपा सुप्रीमो ने हमला जारी रखते हुए कहा कि कुछ मीडिया द्वारा जातिवादी व दलित विरोधी मानसिकता रखने वाली पार्टियों के इशारे व षड़यंत्र के तहत चरित्रहनन व बसपा मूवमेंट को आघात लगाने का प्रयास पहले भी लगातार किया जाता रहा है और बीएसपी समय-समय पर अपनी शैली में इसका मुंहतोड़ जवाब भी देती रही है, लेकिन वर्तमान समय में मेरे भतीजे आकाश को भी इसमें जानबूझकर घसीटने के प्रयास ने मुझे इस बात पर मजबूर किया है कि मैं इस बारे में जरूर आगे सोचूं।

मैं भी हूं कांशीराम की शिष्या

विरोधियों पर हमला जारी रखते हुए मायावती ने कहा कि संकीर्ण व जातिवादी मानसिकता रखने वाले लोग कुछ मीडिया के माध्यम से सस्ती व घिनौनी राजनीतिक षड़यंत्र पर उतर आये हैं, तो उनका मुंहतोड़ जवाब देना भी हमें आता है। ऐसी ही बीएसपी के संस्थापक मान्यवर कांशीराम की चर्चित राजनीतिक शैली रही है और मैं भी कांशीराम जी की शिष्या हूं, इसलिए ‘जैसे को तैसा’ का जवाब देने के लिए मैं आकाश को बसपा मूवमेंट में शामिल करूंगी और उन्हें सीखने का मौका दूंगी। अगर मीडिया के कुछ जातिवादी और दलित-विरोधी तबके को इससे कोई समस्या है तो होती रहे। हम इसकी परवाह नहीं करते हैं।

भाई ने दे दिया था इस्तीफा

मायावती ने कहा कि उन्होंने हमेशा बसपा मूवमेंट को ऊपर रखा ताकि परिवारवाद के आरोप न लगे, इसीलिए उनके भाई आनंद हमेशा से बसपा से बाहर रहकर मूवमेंट में सहयोग करते रहे थे। मूवमेंट के गैर राजनीतिक कार्यों में सहयोग के लिए उन्होंने खुद भाई आनंद को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था लेकिन परिवारवाद के आरोपों के चलते आनंद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

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