कैबिनेट: एक जिले में तीन साल से ज्‍यादा नहीं रह पाएंगे अफसर, सभी विभागों में शुरू होगी ई-टेंडरिंग

कैबिनेट मीटिंग

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। लगातार भ्रष्‍टाचार के खिलाफ फैसले ले रही योगी सरकार ने आज अपनी पांचवी कैबिनेट मीटिंग में भी इसके विरूद्ध महत्‍वपूर्ण फैसले लिए। लोकभवन में आयोजित कैबिनेट मीटिंग में अब अफसरों को एक ही जिले में रहने के लिए तीन साल निर्धारित किए गए है।

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तबादल नीति की मंजूरी के बाद अफसर एक जिले में तीन साल से ज्‍यादा नहीं रह पाएंगे। इसके साथ सरकारी विभागों में काली कमाई के लिए चल रहे अफसरों और ठेकेदारों के गठजोड़ तोड़ने के लिए ई-टेंडरिंग व्‍यवस्‍था पर भी मोहर लग गई। वहीं हर 24 जनवरी को यूपी दिवस मानने का भी फैसला लिया गया। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की अध्‍यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में कुल छह महत्‍वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।

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कैबिनेट मीटिंग के बाद प्रदेश सरकार के प्रवक्‍ता सिद्धार्थनाथ सिंह और नगर विकास मंत्री सुरेश खन्‍ना ने मीडिया सेंटर में पत्रकारों को बताया कि तबादला नीति 2017-18 को कैबिनेट ने पास कर दिया है। अब एक जिले में तीन साल और मंडल में सात साल तक रहने वाले अफसरों के ट्रांसफर होंगे।

यह व्यवस्था समूह क और ख पर लागू होगी। समूह ख का तबादला विभागाध्यक्ष कर सकेंगे। विभागाध्यक्ष को 20 फीसद तबादले का अधिकार दिया है। दिव्यांगजन इस फैसले से प्रभावित नहीं होंगे। समूह ख के ऊपर के अधिकारियों का तबादला शासन से होगा।

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दो वर्ष में सेवानिवृत्त होने वाले समूह ग और घ के कर्मचारी को अपने गृह जिले तथा समूह क और ख के अधिकारियों को गृह जिला छोड़कर इच्छित जिले में तैनाती का मौका मिलेगा। इसके साथ ही समूह ग के कर्मचारियों का भी का हर तीन वर्ष पर पटल परिवर्तन होगा। इनका तबादला विभागाध्यक्ष कर सकेंगे।

समझा जा रहा है इस फैसले से लंबे समय से सरकारी विभागों में कुंडली मारे बैठे आधिकारियों-कर्मचारियों का कॉकस टूट जाएगा।

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इसके साथ ही गोरखपुर के फर्टिलाइजर कारखाने के लैंड ट्रांसफर में लगने वाले 210 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी में छूट का निर्णय भी लिया गया। साथ ही जिला खनिज फाउंडेशन न्यास के गठन को भी मंजूरी आज मिल गई। दूसरी ओर माल व सेवाकर विधेयक (जीएसटी) का अनुमोदन भी किया गया है। अगले विधानसभा सत्र में इसे पारित किया जाएगा।