शर्मनाक: र्स्‍कापियों ने बच्‍ची को उड़ाया, गोमतीनगर पुलिस ने थाने से लौटाया

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कार्रवाई नहीं होने पर थाने से घायल मासूम के साथ वापस लौटता पिता। फोटो- आरयू

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। राजधानी में लगातार बेखौफ कार सवार लोगों की जान ले रहे। उसके बाद भी पुलिस चेतने का नाम नहीं ले रही। डॉलीबाग में हुई पांच लोगों की मौत जैसे हादसों के बाद पुलिस सुर्खियों में रहने के लिए जरूर कुछ समय के लिए तेजी दिखाती है, फिर हालात जस के तस हो जा रहे हैं।

पुलिस ने गरीबी का उड़ाया मजाक, कहा गाड़ी वाला मिल गया तो कुछ पैसे दिलवा देंगे

आज एक बार फिर राजधानी पुलिस का शर्मनाक और संवेदनहीन चेहरा सामने आया है। सुबह गोमतीनगर के गीतापुरी में तेज रफ्तार र्स्‍कापियों चालक बच्‍ची को टक्‍कर मारते हुए भाग गया। घायल बच्‍ची और गाड़ी का नंबर लेकर गोमतीनगर थाने पहुंचे पीडि़त को पुलिस ने यह कहकर लौटा दिया कि गाड़ी वाला मिल गया तो कुछ दिला देंगे। पुलिस के पास इंसाफ के लिए पहुंचा पीडि़त मायूस लौट गया।

बाप पुताई तो मां घरों में करती है झाड़ू-पोछा

खरगापुर के गीतापुरी निवासी दिनेश चन्‍द्र चौहान भवनों के पुताई का काम करता है, जबकि उसकी पत्‍नी पिंकी लोगों के घरों में झाड़ू-पोछा करती है। दिनेश ने बताया कि सुबह करीब नौ बजे उसकी चार साल की बेटी अंशिका घर के बाहर ही खेल रही थी। तभी तेज रफ्तार में आई र्स्‍कापियो (संख्‍या यूपी 32 जीएफ 6870) बच्‍ची को टक्‍कर मारते हुए खरगापुर क्रासिंग की ओर भाग निकली।

आसपास के लोगों ने तेजी दिखाते हुए गाड़ी का नंबर नोट करने के साथ ही सिर और चेहरे पर चोट लगने से बुरी तरह से घायल बच्‍ची को लोहिया अस्‍पताल पहुंचाया। इलाज के बाद वह करीब चार बजे तहरीर की दो कॉपी लेकर गोमतीनगर थाने पहुंचा। इस दौरान लिखा-पढ़ी कर रहे मुंशी ने मुकदमा लिखने और मेडि‍कल कराने की जगह तहरीर की दोनों कॉपी लेने के साथ ही यह कहकर लौटा दिया कि गाड़ी वाला मिल गया तो तुम्‍हें बुलवाकर कुछ पैसे दिलवा दूंगा।

मिनटों का दावा घंटों में नहीं पहुंची CM की हाइटेक पुलिस

थाने के बाहर घायल बच्‍ची को गोद में लेकर कलप रहे दिनेश ने बताया कि घटना के बाद ही सौ नम्‍बर पर पुलिस को फोन कर गाड़ी का नंबर नोट करा दिया गया था। कार्रवाई तो दूर ढाई बजे तक पुलिस झांकने तक नहीं आई। दोबार फोन करने के बाद आई भी तो थाने जाने की बात कहकर लौट गई। थाने पहुंचने पर भी मुंशी ने वहां से लौटा दिया।

बता दें कि डॉयल 100 मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्‍ट में शुमार है। लगातार विरोधियों के हमले झेल रहे सीएम ने कराड़ों रुपये की लागत से इस परियोजना को शुरू कराया था। इसके शुरू होते ही पुलिस ने राजधानी में कहीं भी मिनटों में पहुंचने का दावा किया था, लेकिन आज के रियलिटी चेक में वह गोमतीनगर जैसे पॉश इलाके में ही टाइम पर नहीं पहुंच सकी।