आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकण अब अपनी किसी भी योजना के ईडब्ल्यूएस, एलआइजी मकान व 20 वर्ग मीटर तक की दुकानों के आवंटियों से ब्याज पर ब्याज यानि चक्रवृद्धि ब्याज नहीं वसूलेगा। इससे समय से पैसा नहीं जमा करने वाले आवंटियों को काफी राहत मिलेगी। साथ ही गोमतीनगर स्थित अपनी बेशकीमती नौ हजार वर्ग मीटर जमीन रेलवे से वापस लेकर जनता के लिए नए प्रोजेक्ट लाएगा। बुधवार को एलडीए में प्राधिकरण की अध्यक्ष डॉ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में ऐस ही कई प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है।
एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि ऐसे कई मामले हैं जिनमें दुर्बल आय वर्ग व अल्प आय वर्ग के आवंटियों द्वारा दंड ब्याज सहित की गयी गणना के अनुसार धनराशि चुका पाना संभव नहीं हो पा रहा। ऐसे आवंटियों को राहत देने के उद्देश्य से ईडब्ल्यूएस, एलआइजी, प्रधानमंत्री आवास योजना के भवनों व 20 वर्गमीटर तक की दुकानों पर चक्रवृद्धि ब्याज खत्म किये जाने के प्रस्ताव को बोर्ड में मंजूरी मिली है। इसके तहत इन संपत्तियों के डिफाल्टर आवंटियों को दंड ब्याज से अब छूट मिलेगी और आवंटन के समय किस्तों में निर्धारित ब्याज दर पर साधारण ब्याज ही एलडीए लेगा।
एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि एलडीए ने पूर्व में गोमती नगर के विराज खंड में रेलवे को लूप लाइन बनाने के लिए नौ हजार वर्ग मीटर जमीन दी थी। रेलवे ने लूप लाइन विकसित करने का प्रस्ताव स्थगित कर दिया। ऐसे में एलडीए अब रेलवे द्वारा उक्त भूमि के सापेक्ष जमा करायी गयी रकम रिफंड कर जमीन का कब्जा वापस लेगा, जिसके लिए बोर्ड ने अनुमति दी है। सचिव ने बताया कि इस जमीन पर नए प्रोजेक्ट विकसित किये जाएंगे, जिसका लाभ शहरवासियों को मिलेगा।
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उपाध्यक्ष ने बताया कि रेलवे से वापस ली जा रही इस जमीन के एक हिस्से में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सात मंजिला अपार्टमेंट का निर्माण करवाया जाएगा, जिसमें 500 से 600 वर्गफुट के स्टूडियो फ्लैट्स विकसित किये जाएंगे। फ्लैट्स को इस हिसाब से डिजाइन किया जाएगा कि इनमें बालकनी, ड्रेसिंग रूम व बॉथरूम का एरिया ज्यादा हो। परिजनों से अलग रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों को इस सोसाइटी में सुरक्षित माहौल के साथ जिम, योगा सेंटर जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं भी मिलेंगी।
उपाध्यक्ष ने बताया कि योजना के अंतर्गत बनाये जाने वाले फ्लैट्स 60 वर्ष व इससे अधिक उम्र के नागरिकों को निर्धारित अवधि के लिए लीज पर आवंटित किये जाएंगे। आवंटी जरूरत पूरी होने पर अपने फ्लैट को किसी अन्य वरिष्ठ नागरिक को ट्रांसफर कर सकेंगे।
व्यवसायिक संपत्तियों के पुनर्जीवन के खेल पर रोक
उपाध्यक्ष ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा नीलामी व लॉटरी से संपत्तियां बेचता है। जिनमें आवंटी को एक निश्चित समय अवधि के अंदर धनराशि का भुगतान करना होता है। समय से पैसा नहीं जमा करने पर एलडीए संपत्ति का आवंटन कैंसिल कर देता है। निरस्तीकरण के बाद आवंटी द्वारा प्रार्थना पत्र व पनर्जीवन शुल्क आदि देकर पुनर्जीवन/किस्तों का समय विस्तार ले लिया जाता है। इससे प्राधिकरण की संपत्ति लंबे समय तक ब्लॉक रहती है, जिससे एलडीए को आय का नुकसान होता है। इसे ध्यान में रखते हुए ईडब्ल्यूएस, एलआइजी व फ्लैटों को छोड़कर प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में संचालित व्यवसायिक सम्पत्तियों के पुनर्जीवन व समय विस्तार पर बोर्ड की अनुमति से रोक लगा दी गयी है।
बताते चलें एलडीए के कुड अफसर व बाबूओं की मिलीभगत के चलते वर्तमान में भी एलडीए की अरबों रुपए की कॉमर्शियल प्रापर्टी डिफॉल्टर आवंटियों के चंगुल में फंसी है। सूत्रों की माने तो सालों से पैसा नहीं जमा होने के बावजूद कुछ अफसर-बाबूओं का एक कॉकस जमीन कारोबारी व दलाल टाइप डिफॉल्टर आवंटियों के आवंटन भी कैंसिल नहीं होने देता है। समझा जा रहा है कि इन्हीं तरह के खेल पर रोक लगाने के लिए ही व्यवसायिक संपत्तियों के पुनर्जीवन पर भी रोक लगाई गयी है, हालांकि अधिकारी अपनी जमीन एलडीए के कुख्यात कॉकस के चंगुल से कितनी छोड़ा पाएंगे यह तो आने वाले समय में ही साफ हो पाएगा।
कैंसिल होंगे बेनामी आवंटन
वहीं एलडीए की कानपुर रोड, जानकीपुरम, जानकीपुरम विस्तार, सीतापुर रोड, शारदा नगर, गोमती नगर, आजाद नगर, मोती नगर आदि योजना में करीब चार हजार ऐसे ईडब्ल्यूएस व एलआइजी भवन हैं, जिनकी रजिस्ट्री मूल आवंटी के आभाव में सालों बीतने के बाद भी अब तक नहीं हुई है। अधिकांश प्रकरणों में मूल आवंटी द्वारा अपने पक्ष में रजिस्ट्री कराने से पहले संपत्ति का कब्जा अन्य व्यक्तियों को दिया गया और वर्तमान में वह लोग इन भवनों में रह रहे हैं। ऐसे भवनों को मूल आवंटी के पक्ष से निरस्त करते हुए मूल कब्जेदार के पक्ष में निस्तारण करने के प्रस्ताव को बोर्ड ने मंजूरी दी है। इसके अंतर्गत जिन भवनों की रजिस्ट्री नहीं हुयी है, उनका सर्वे करा आवंटन कैंसिल किया जाएगा।
नहीं बढ़ेगे गले की हड्डी बन चुके फ्लैटों के दाम
वहीं बिना डिमांड सर्वे के बनाए गए हजारों फ्लैटों के दामों को नहीं बढ़ाना का एलडीए ने एक बार फिर फैसला किया है। पूर्व में एलडीए में तैनात रहे इंजीनियर-अफसरों की लापरवाही, भ्रष्टचार व अदूर्शिता के चलते बनाए गए यह फ्लैट एलडीए के गले की हड्डी बन चुके है। इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया एलडीए की “पहले आओ,पहले पाओ” योजना के तहत बेचे जा रहे फ्लैटों की कीमत को फिर से एक साल के लिए फ्रीज किये जाने के प्रस्ताव को भी बोर्ड ने मंजूरी दी है। इससे एलडीए के 2630 फ्लैटों की कीमत नहीं बढ़ेगी।
38 करोड़ से बनेगा कम्यूनिटी सेंटर व सीनियर सिटीजन क्लब
इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) सीएसआर मद से दिये जाने वाले लगभग 38 करोड़ रूपये से पांच कम्यूनिटी सेंटर व सीनियर सिटीजन क्लब बनाने के प्रस्ताव को भी आज बोर्ड ने हरि झंडी दी है। इसके तहत एलडीए गोमती नगर के विवेक खंड, ऐशबाग इंडस्ट्रियल एरिया के प्लॉट नंबर चार, नंदाखेड़ा स्थित तुलसी कॉम्पलेक्स व जानकीपुरम के सेक्टर एफ में कम्यूनिटी सेंटर व सीनियर सिटीजन क्लब का निर्माण करा अनुरक्षण का काम करेगा।
चार लाइब्रेरी बनाने को भी मंजूरी
सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि एचएएल सीएसआर मद से दिये जाने वाले लगभग तीन करोड़ रूपये से चार स्थानों पर लाइब्रेरी बनाने के प्रस्ताव को आज बोर्ड से मंजूरी मिली है। इसके तहत प्राधिकरण प्रत्येक लाइब्रेरी के लिए 192 वर्ग मीटर कवर्ड एरिया के सिंगल स्टोरी भवन निर्मित करेगा, जिसमें एक हॉल, लाईब्रेरियन केबिन, इश्यू काउंटर, कमरे व वॉश रूम आदि होंगे।
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साथ ही वीसी ने बताया कि एलडीए ने कई सालों पहले तिलक नगर में 36-36 भवनों के दो ब्लॉक में कुल 72 ईडब्ल्यूएस भवनों का निर्माण कराया गया था। वर्तमान में ये भवन काफी जर्जर हो चुके हैं और इनमें आवंटी अध्यासित हैं। इसके दृष्टिगत प्राधिकरण द्वारा योजना का री-डेवलपमेंट करते हुए यहां पूर्व निर्मित भवनों की जगह 48-48 भवनों के दो टावर में कुल 96 भवनों का निर्माण कराया जाएगा।
इसी तरह नंदाखेड़ा तुलसी कॉम्पलेक्स व कैलाशकुंज कॉम्पलेक्स को तोड़कर री-डेवलपमेंट कराया जाएगा। इसके अंतर्गत पूर्व आवंटित संपत्तियों के आवंटियों को समायोजित करते हुए व्यवसायिक दुकानें, बहु उद्देशीय हॉल, कम्यूनिटी सेंटर व आवासीय यूनिट एलडीए बनाएगा। आज बोर्ड ने नंदाखेड़ा व कैलाशकुंज के री-डेवलपमेंट के प्रस्ताव को तकनीकी व वित्तीय फिजिबिलिटी व नगर निगम से निष्प्रयोज्यता का परीक्षण कराने की शर्त पर अनुमोदित कर दिया है। वहीं नेहरू इन्क्लेव में अर्द्धनिर्मित व्यवसायिक कॉम्पलेक्स के निर्माण को पूर्ण कराने के प्रस्ताव को भी बोर्ड ने मंजूरी दी है।
विनायकपुरम में स्लम डेवलपमेंट का प्रस्ताव मंजूरी
इसके अलावा लखनऊ-सीतापुर राजमार्ग स्थित विनायकपुरम, विकास नगर मलिन बस्ती को आइएसएसआर नीति के तहत स्लम डेवलपमेंट किये जाने का प्रस्ताव भी पास किया गया है।
आज बोर्ड बैठक में जीआइएस आधारित लखनऊ महायोजना 2031 (कन्वर्जन) प्रारूप के अंतर्गत की जा रही कार्यवाही का प्रेजेन्टेशन भी दिया गया। इसमें अवगत कराया गया कि प्रारूप में ब्लू लेयर (बॉटर बॉडीज), ग्रीन लेयर, इकोनॉमिक लेयर, हेरिटेज जोन, सरकारी सम्पत्तियां, नजूल/ट्रस्ट व निष्क्रांत सम्पत्तियों को भी सुपर इम्पोज करके महायोजना में दर्शाया जा रहा है।
इसके अलावा एलडीए की आवासीय कालोनियों/नियंत्रित क्षेत्रों के ले-आउट प्लान संशोधन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। जिसे बोर्ड ने उच्च भू-उपयोग से निम्न भू-उपयोग के परिवर्तन के आवेदनों पर ही प्रस्ताव के अनुसार कार्यवाही करने की मंजूरी दी।
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बैठक में कमिश्नर, वीसी व सचिव के अलावा अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, अपर जिलाधिकारी अमित कुमार, मुख्य अभियंता एके सिंह, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह, नगर नियोजक केके गौतम व ओएसडी प्रिया सिंह समेत अन्य अफसर व बोर्ड मेंबर मौजूद रहें।