आरयू ब्यूरो, वाराणसी/प्रयागराज। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या किए जाने से पूरे देश में आक्रोश है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्थित बीएचयू कैंपस में जा रही छात्रा से गैंगरेप करने के दो आरोपितों को जमानत मिल गई। बीजेपी के पदाधिकारी रह चुके दोनों आरोपितों का फूल-माला पहनाकर स्वागत किया गया।
असलहे की नोक पर बंधक बनाकर हैवानियत करने के आरोपितों को जमानत मिलने के बाद लोग भाजपा पर सवाल उठा रहें हैं। विपक्ष के नेताओं के साथ ही आम लोग भी सोशल मीडिया पर हैवानियत के आरोपितों के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई बड़े नेताओं की तस्वीरें शेयर कर जमानत के पीछे सत्ता के ताकत का गलत इस्तेमाल होने की बात कह रहें हैं।
गैंगरेप के दो आरोपित कुणाल पांडे और अभिषेक चौहान को इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। कोर्ट ने कुणाल पांडे की जमानत याचिका चार जुलाई को स्वीकार कर ली थी, जबकि दूसरे आरोपित अभिषेक चौहान की जमानत याचिका दो जुलाई को मंजूर हो गई थी। दोनों जेल से बाहर आ गए हैं। तीसरे आरोपित सक्षम पटेल की जमानत अर्जी पर सितंबर में सुनवाई होनी है। इससे पहले इस मामले को वाराणसी के फास्ट ट्रैक कोर्ट के अंतर्गत चलाया गया था। जहां तीनों आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी।
बता दें कि पिछले साल नवंबर में बीएचयू कैंंपस में अपने दोस्त के साथ जा रही छात्रा से गैंगरेप को लेकर आइआइटी बीएचयू के छात्रों ने कई दिनों तक प्रदर्शन किया था और सुरक्षा देने की मांग की थी। इस मामले में भाजपा आइटी सेल के पदाधिकारी कुणाल पांडे, सक्षम पटेल और अभिषेक चौहान को वाराणसी पुलिस ने दो महीने बाद गिरफ्तार किया था। इस बीच छात्रा से दरिंदगी करने के तीनों आरोपित खुलेआम बीजेपी का चुनाव प्रचार करते रहें।
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दरअसल आइआइटी बीएचयू से मामला जुड़ा होने से हाई प्रोफाइल हो गया था। एक नवंबर को आइआइटी बीएचयू के परिसर में इस घटना को अंजाम दिया गया था। इसके बाद छात्र- छात्राओं ने कई दिनों तक प्रदर्शन किया था। हफ्तेभर तक छात्रों का प्रदर्शन चला था। छात्रों ने आईआईटी बीएचयू परिसर में अलग से सुरक्षा देने की मांग की थी। वहीं, सपा और कांग्रेस ने तीनों आरोपियों के भाजपा आईटी सेल से जुड़े होने का मुद्दा उठाते हुए योगी सरकार के दावों पर निशाना साधा था।