BHU कैंपस में छात्रा से हैवानियत करने वाले तीनों युवक दो महीने बाद गिरफ्तार, बंदूक की नोक पर किया था गैंगरेप, BJP से भी निकला कनेक्‍शन

बीएचयू कैंपस में गैंगरेप

आरयू ब्यूरो, वाराणसी। काशी में बीएचयू की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने करीब दो महीने बाद  गैंगरेप के तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया हैं। आरोपियों में भेलूपुर थाना क्षेत्र के बृज इंक्लेव कॉलोनी निवासी कुणाल पांडेय, बजरडीहा के जीवधीपुर निवासी आनंद व सक्षम पटेल हैं। पुलिस ने वारदात में प्रयोग की गई बाइक भी बरामद हुई है।

बताया जा रहा है कि गिरफ्तार तीनों ही युवक भाजपा की आइटी सेल में पदाधिकारी हैं। वहीं हैवानियत के आरोपितों इन युवकों की भाजपा के कई बड़े नेताओं के साथ फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिसके बाद छात्र व विपक्ष के नेता कार्रवाई में हुई देर के पीछे भाजपा से जुड़ा होना बता रहे हैं। वहीं पुलिस आगे की कार्रवाई करना की बात कह रही है। पकड़े गए आरोपितों की पहचान कुणाल पांडेय जिसके पिता जितेंद्र पांडेय का निधन हो चुका है। वह बीकॉम तक पढ़ा है। घर पर ही रहता था। आनंद उर्फ अभिषेक चौहान के पिता मुन्ना पावरलूम चलाते हैं। आनंद दसवीं पास है। सक्षम के पिता विजय पटेल प्राइवेट नौकरी करते हैं। वह इंटरमीडिएट पास है। तीनों एक साथ रहते थे। बीएचयू रात में अक्सर घूमने जाते थे।

बता दें कि एक नवंबर को आइआइटी-बीएचयू में मैथमेटिकल इंजीनियरिंग विभाग में बीटेक की छात्रा न्यू गर्ल्स हॉस्टल से रात में बाहर निकली थी। वह परिसर में गांधी स्मृति छात्रावास चौराहे पर पहुंची तो वहां उसका दोस्त मिल गया। दोनों कर्मन वीर बाबा मंदिर के पास पहुंचे थे। तभी पीछे से बुलेट सवार तीन युवक आए और छात्रा और उसके दोस्त को रोका। कुछ देर बाद दोस्त को वहां से भगा दिया।

छात्रा ने जो पुलिस को तहरीर दी है, जिसमें बताया गया कि युवकों ने मुंह दबा दिया और एक कोने में ले गए। कपड़े निकालकर वीडियो और फोटो भी बनाया और दुष्कर्म किया। पीड़िता के चीखने-चिल्लाने पर उन युवकों ने उसे जान से मारने की धमकी दी। यहीं नहीं उन युवकों ने पीड़िता का फोन भी ले लिया।

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आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की अलग-अलग टीम बीएचयू आइआइटी परिसर, हैदराबाद गेट से लेकर बाईपास और करौंदी मार्ग, बीएचयू मेन गेट से लंका-रविदास गेट मार्ग पर लगे तकरीबन 170 से ज्यादा सीसी कैमरों की फुटेज खंगाल रही थी। हालांकि घटना के दो दिन बाद आरोपित सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दिए। जिसके बाद पुलिस आरोपियों की तलाश में थी। करीब दो महीने बाद पुलिस ने इन्हें पकड़ा।

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