मुकदमा दर्ज करने के दस दिन बाद गायत्री के घर पहुंची राजधानी पुलिस

Gayatri prajapati
सपा के परिवहन मंत्री के घर में मौजूद पुलिस। फोटो-आरयू

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। गैंगरेप और पॉक्‍सो एक्‍ट समेत गंभीर अपराध के आरोपित सपा के कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के घर आज शाम पुलिस पहुंची। सीओ आलमबाग, सीओ हजरतगंज के साथ गौतमपल्‍ली और हजरतगंज की पुलिस ने मंत्री के गौतमपल्‍ली स्थित सरकारी आवास के साथ ही माल एवेन्‍यु स्थित घर पर भी छापा मारा। हालांकि दोनों ही जगाहों पर पुलिस को गायत्री नहीं मिले।

मुकदमा दर्ज करने के ठीक दस दिन बाद गायत्री के घर पहुंची पुलिस कुछ ही देर में लौट आई। इस दौरान राजधानी पुलिस पर सत्‍ता का दबाव भी साफ तौर पर देखा गया। छापेमारी के समय के साथ ही बाद में भी पुलिस ने मीडिया से दूरी बनाए रखने की पूरी कोशिश की।

पुलिस की कार्यप्रणाली से उठ रहे सवाल 

आरोपित मंत्री के बारे में मीडिया के सवालों से बचने के लिए मामले की जांच कर रही सीओ आलमबाग अमिता सिंह ने रात तक मीडियाकर्मियों का फोन ही नहीं उठाया। विवेचक के इस रवैय्ये से सवाल उठना लाजमी है कि इतने गंभीर मामले की राजधानी पुलिस क्‍या निष्‍पक्ष जांच कर पाएगी।

दूसरी ओर क्षेत्राधिकारी हजरतगंज यह भी नहीं बता सके कि पुलिस की टीम गायत्री प्रसाद प्रजापति को गिरफ्तार करने पहुंची थी या फिर सिर्फ घटनास्‍थलों का निरीक्षण करने। हालांकि पुलिस के वीडियोग्राफी करने और मौके पर मिले लोगों से बातचीत करने की बात सामने आ रही है।

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गायत्री प्रजापति के घर से बाहर निकलती पुलिस की टीम। फोटो-आरयू

बता दें कि इस मामले में गायत्री के साथ ही पीडि़ता ने छह अन्‍य लोगों पर भी गंभीर आरोप लगाए है। पुलिस अभी तक दूसरे आरोपित पिन्‍टू सिंह, अशोक तिवारी, विकास वर्मा, चन्‍द्रपाल, रूपेश और अशीष शुक्‍ला तक भी नहीं पहुंच पाई है।

उल्‍लेखनीय है कि सपा मंत्री एवं सपा के अमेठी से उम्‍मीदवार गायत्री प्रसाद ने कल ही अमेठी में मतदान करने के साथ ही मीडिया से बात भी की थी। दूसरी ओर गिरफ्तारी से बचने के लिए सपा के परिवहन मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में अपील भी कि है, जिसकी सुनवाई भी 6 मार्च को होनी है।

गौरतलब है कि एक महिला ने गायत्री प्रसाद समेत उनके छह साथियों पर लंबे समय तक गैंगरेप करने, अशलील फोटो खींचकर ब्‍लैकमेल करने, नाबालिग बेटी के साथ बलात्‍कार का प्रयास, समेत अन्‍य गंभीर आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में न्‍याय के लिए गुहार लगाई थी।

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद 18 फरवरी को राजधानी पुलिस ने गौतमपल्‍ली थाने में धारा 376 डी, 376, 511, 504, 506 व पॉक्‍सो एक्‍ट के तहत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखा था।

दूसरी ओर पीडि़ता की नाबालिग बेटी का दिल्‍ली स्थित एम्‍स में इलाज चल रहा है। डॉक्‍टरों का कहना है कि घटना से किशोरी को तगड़ा मानसिक आघात पहुंचा है, जिसकी वजह से न वह ठीक से सो पा रही है और न ही किसी से बात कर पा रही।