आरयू ब्यूरो, लखनऊ। अवैध निर्माण से अनवरत होने वाली लाखों की अंधी कमाई का मोह कहें यह फिर लापरवाही एलडीए के कई इंजीनियर, अधिकारी व कर्मी अपने विभाग के मुखिया की कार्रवाई-चेतावनियों के बाद भी सुधरने का नाम नहीं ले रहें। एलडीए के पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा करने वाला ऐसा ही एक मामल शनिवार को प्रवर्तन के जोन एक से एलडीए वीसी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी के सामने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के निवेशकों के साथ बैठक में आया है।
निवेशकों ने इकाना स्टेडियम के पीछे मस्तेमऊ में हुई अवैध प्लॉटिंग को विकास कार्य में बाधा बताते हुए कहा कि ध्वस्तीकरण के आदेश के चार साल बीतने के बाद भी कई बीघों में हुई अवैध प्लॉटिंग पर आज भी प्रवर्तन के इंजीनियर व अधिकारी मेहरबान है। शिकायत पर वीसी का पारा हाई हो गया और जोन एक के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए आज ही इंजीनियरों की टीम को मौके पर भेजकर अवैध प्लॉटिंग पर जेसीबी चलवाई। हालांकि इस दौरान एलडीए की टीम को ग्रामीणों के विरोध का भी सामना करना पड़ा, लेकिन पुलिस की मौजूदगी में टीम ने अपनी कार्रवाई लगभग पूरी की।
जनवरी 2019 में होना था ध्वस्तीकरण, लेकिन..
इकाना स्टेडियम के पीछे मस्तेमऊ गांव में रामाधार व लल्लू ने करीब चार बीघे में कराई गयी अवैध प्लॉटिंग पर कार्रवाई के लिए प्रवर्तन जोन एक की तरफ से जुलाई 2018 में पहली नोटिस काटी गयी थी। वहीं तत्कालीन विहित प्राधिकारी संजय पांडेय ने सुनवाई के बाद जनवरी 2019 में अवैध प्लॉटिंग के ध्वस्तीकरण का आदेश जारी कर दिया था, लेकिन चार साल बीतने के बाद भी कई विहित प्राधिकारी, जोनल अफसर व इंजीनियर आए-गए, लेकिन सबने आदेश के उलट अवैध प्लॉटिंग पर कार्रवाई करने की जगह मेहरबानी बनाए रखी इसके लिए उन्होंने एलडीए वीसी के आदेशों को भी ठेंगा दिखाया।
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एलडीए अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि गोमती नगर विस्तार के करीब गांव मस्तेमऊ में रामाधार व अन्य ने प्राधिकरण से ले-आउट पास कराये बिना अवैध प्लॉटिंग की थी। जिसे आज सहायक अभियंता अवधेश कुमार सिंह व जेई राजीव कुमार श्रीवास्तव ने एलडीए चौकी व स्थानीय थाने की पुलिस के सहयोग से ध्वस्त करा दिया है।
2,152 करोड़ रूपये का हो चुका निवेश
वहीं निवेशकों की बैठक की जानकारी देते हुए अपर सचिव ने कहा कि एलडीए द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के अंतर्गत 31 हजार करोड़ के निवेश के 116 एमओयू साइन किये गये हैं। इनमें से 16,500 करोड़ रूपये की 78 परियोजनाएं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए तैयार हैं, जबकि 56 परियोजनाओं का काम शुरू हो गया है जिससे 2,152 करोड़ रूपये का निवेश हो चुका है। राजधानी में रियल एस्टेट सेक्टर की इन परियोजनाओं के जमीन पर उतरने से करीब 35 सौ लोगों को परोक्ष रूप से जबकि 6,000 लोगों को अपरोक्ष रूप से रोजगार मिला है।
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आज बैठक में मेसर्स कनक बिहारी, मेसर्स अमरावती होम्स व मेसर्स हर्षा इन्फ्रा डेवलपर्स के प्रतिनिधियों ने वीसी को बताया कि नगर निगम से एनओसी नहीं मिलने के चलते नक्श पास कराने में देर हो रही। इसी तरह मेसर्स सफायर इन्फ्रावेन्चर प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि ने सिंचाई विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण परियोजना की लांचिंग में देर होने की बात कही। इस पर उपाध्यक्ष ने अधिकारियों को विभागों के साथ जल्द बैठक कर एनओसी जैसी अड़चनों को दूर कराने का निर्देश दिया।
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इसके अलावा मेसर्स अमरावती होम्स, मेसर्स पिन्टेल रियलिटी डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स श्रीराज इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड व अन्य के प्रतिनिधियों ने शिकायत करते हुए कहा कि उनकी परियोजनाओं में कुछ जगहों पर अवैध निर्माण व प्लाटिंग है, जिनके खिलाफ भी कार्रवाई कराई जाए। इस पर उपाध्यक्ष ने जोनल अधिकारियों को निर्देशित किया कि विशेष अभियान चला अवैध निर्माणों को ध्वस्त कराएं। साथ ही जिन परियोजनाओं के क्रियान्वयन में अर्जन से जुड़ी दिक्कतें हैं, उनमें उपाध्यक्ष ने कार्यवाही के लिए भू-स्वामित्व अभिलेखों के साथ प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
व्यवसायिक संपत्तियों में दिखाया इंटरेस्ट
बैठक में उपाध्यक्ष ने प्राधिकरण की खाली व्यवसायिक संपत्तियों के बारे में जानकारी देते हुए विकासकर्ताओं इनवेस्ट करने का सुझाव दिया। जिसपर विकासकर्ता ने संपत्तियों की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर संपत्ति खरीदने में रूचि दिखायी।
बैठक में सचिव पवन कुमार गंगवार, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, नगर नियोजक केके गौतम, अधिशासी अभियंता संजय जिंदल, सहायक लेखाधिकारी विनोद कुमार श्रीवास्तव व अधिकारी व तमाम विकासकर्ता मौजूद रहें।