आरयू ब्यूरो, लखनऊ। गोमती नदी में मड़ियांव के घैला पुल के पास दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान आज दो युवकों की डूबने से दर्दनाक मौत हो गयी। युवकों की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया है। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस गोताखोरों की सहायता से गोमती नदी से शवों को बाहर निकलवाकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
घटना का एक दुखद पहलू यह भी है कि आज जान गंवाने वाले दो युवकों में से एक संतराम यादव (33 साल) अपने पिता प्रेम यादव के बुढ़ापे का न सिर्फ इकलौता सहारा था, बल्कि उसकी दो छोटी बेटियां भी हैं। संतराम के बचपन में ही उसकी मां की मौत हो गयी थी, पिता ने इकलौते बेटे संतराम को बुढ़ापे का सहारा मानने हुए बड़े जतन से पाला था।
ठाकुरगंज के लाला बाग रमना निवासी संतराम के दुनिया से एकाएक जाने के बाद अब स्थानीय लोग आज बूढ़े पिता, दो मासूम बेटियां आराधना और अनुष्का के अलावा उसकी पत्नी सीमा यादव के भविष्य के प्रति अफसोस जताते रहें। वहीं दूसरे युवक अमन साहू (22 साल) की मौत से भी उसके परिजनों में रोना-पीटना मचा है।
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डीसीपी उत्तरी सैय्यद कासिम आब्दी के ने मीडिया को बताया कि ठाकुरगंज के लाला बाग रमना में दुर्गा प्रतिमा की स्थापना हुई थी। मंगलवार को हवन पूजन के बाद दोपहर करीब एक बजे इलाके के लोग मूर्ति विसर्जित करने के लिए घैला पुल के पास गये थे। इस में बालागंज के नई कालोनी का अमन साहू और लाला बाग रमना का संतराम यादव भी गया था। अमन साहू की मिठाई व चाय का होटल है। वहीं संतराम गांव के बाहर सड़क पर पान की दुकान चलाता था। दोनों गोमती नदी के किनारे पहुंचे तो वहां मूर्ति लेकर पानी में उतरने लगे। उनके साथ कई अन्य लोग भी थे। जिस तरफ मूर्ति विसर्जित कर रहे थे वहां काफी गहरान थी। जिसका अंदाजा नहीं था। दोनों अचानक गहरे पानी में चले गये। अभी लोग समझ पाते तो गहराई की तरफ मूर्ति झूकी और नदी में गिर गई। दोनों मूर्ति के नीचे दब गये थे। दोनों डूब गये।
मूर्ति विसर्जन कर बाहर निकलने के दौरान कुछ लोगों ने अमन व संतराम को न देखकर शोर मचाया। इस पर लाला बाग रमना का पवन नदी में कूद गया। पवन के अनुसार उसने अमन व संतराम को डूबते देख लिया था। काफी देर तक वह नदी में तलाशता रहा लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। वह भी गहरे पानी में जाने के कारण डूबने लगा। किसी तरह बाहर निकला और अपनी जान बचाई।
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डीसीपी उत्तरी कासिम आब्दी के मुताबिक सूचना मिलते ही मड़ियांव व ठाकुरगंज की पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों की मदद से दोनों की तलाश शुरू की। करीब दो घंटे तक नदी में सर्च अभियान चला। इसके बाद शव को बाहर निकाला गया। पुलिस के मुताबिक हादसा अपरान्ह करीब दो बजे के करीब हुआ था।
स्थानीय लोगों के अनुसार लालाबाग रमना में सुबह से ही दुर्गा पूजा धूमधाम से की जा रही थी। सभी के घरों में कन्या पूजन हुआ। दुर्गा प्रतिमा के लिए बने पांडाल में आरती हुई। गांव की महिलाएं मंगल गीत गा रही थी। जब प्रतिमा विसर्जन के लिए निकल रही थी, तो युवक भक्ति गीतों पर झूम रहे थे तो वहीं महिलाएं विदाई गीत गाने लगी थी। अभी इस माहौल की खुमारी उतरी भी नहीं थी कि घंटे भर के अंदर हादसे की सूचना पहुंचते ही मोहल्ले में कोहराम मच गया।