पिता की आत्‍महत्‍या के बाद न्‍याय न मिलने पर लोकभवन के सामने आत्‍मदाह करने पहुंचीं पुजारी की बेटियां

आत्‍मदाह
आत्मदाह के लिए आईं लड़कियों को ले जाती पुलिस।

आरयू संवाददाता, लखनऊ। हाल ही में काकोरी के बड़ागांव में मंदिर के पास सामुदायिक शौचालय के निर्माण से परेशान हो कर सेवादार भगवान दीन की आत्महत्या के बाद न्‍याय न मिलने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को भगवान दीन कि बेटियों ने लोकभवन के सामने आत्मदाह करने पहुंच गई। वहीं मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने युवतियों को हिरासत में ले लिया।

पुलिस की पूछताछ में लड़कियों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन आरोपितों की मदद कर रही है। इसलिए पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ हल्की धाराओं में एफआइआर दर्ज की थी। साथ ही प्रधानपति ने पीड़ितों के खिलाफ फर्जी रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। भगवान दीन की बेटी सीता व गीता ने 25 लाख रुपये मुआवजा, जमीन पट्टा करने, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिलाने और आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

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बताते चलें कि काकोरी के बड़ागांव में मंदिर के पास जबरन सामुदायिक शौचालय के निर्माण से परेशान हो मंदिर के सेवादार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। ग्राम पंचायत बड़ागांव के मजरा गदाई खेड़ा निवासी भगवान दीन लोधी ने दौली खेड़ा में ग्राम समाज की जमीन पर करीब सात वर्ष पूर्व मंदिर का निर्माण कराया था। इसी जमीन के पास ग्राम समाज को और भी जमीन पड़ी थी। खाली पड़ी जमीन ग्राम प्रधानपति देश राज व उनके बेटों ने ब्लॉक अधिकारियों से मिल कर सामुदायिक शौचालय कर निर्माण का प्रस्ताव कर दिया। जब उक्‍त जमीन पर कब्जे के लिए ग्राम प्रधानपति व ब्लॉक अधिकारी मौके पर पहुंचे जिसका विरोध भगवान दीन ने किया।

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भगवान दीन ने आलाधिकारियों के सामने ही पेड़ पर चढ़ कर फांसी लगा कर आत्महत्या का प्रयास किया था, लेकिन आलाधिकारियों व पुलिस फ़ोर्स ने उसे नीचे उतारा। मामले की शिकायत भगवान दीन ने उच्चाधिकारियों से भी की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। जिससे परेशान हो कर भगवान दीन ने पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों के मुताबिक सुसाइड नोट भी मिला था। मृतक के बेटी सीता ने ग्राम प्रधानपति ,उनके बेटों व ब्लॉक के बीडीओ, सचिव व लेखपाल पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी।

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