#BadNews: लखनऊ में BA की छात्रा समेत नौ घंटे में चार ने की सुसाइड, युवकों ने लगाई फांसी तो बुजुर्ग ने खुद को गोली से उड़ाया

लखनऊ में सुसाइड

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। सूबे की राजधानी लखनऊ में लगातार लोगों के सुसाइड करने के मामले सामने आ रहें हैं। शुक्रवार को सुबह छह से दोपहर तीन बजे के बीच मात्र नौ घंटों में ही लखनऊ के अलग-अलग इलाकों में चार लोगों ने अपनी जान दे दी है। आज सुबह बीए की छात्रा ने वजीरगंज तो काकोरी व गोसाईगंज में दो युवक ने जहां फांसी लगाकर अपनी जिंदगी खत्‍म कर ली। वहीं दोपहर में हुसैनगंज में एक बुजुर्ग ने खुद को गोली मारकर जान दे दी। असमय मौतों से परिजनों में कोहराम मचा है। जानकारी पाकर घटनास्‍थलों पर पहुंची पुलिस को चारों ही जगह से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। फिलहाल संबंधित थानों की पुलिस शवों को पोस्‍टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही मामलों की आगे जांच करने की बात कह रही है।

वजीरजगंज पुलिस के अनुसार मूल रूप से बहराइच निवासी मनोज सिंह की बेटी तमन्‍ना (21) महिला कॉलेज अमीनाबाद में बीए सेकेंड ईयर की छात्रा थी। गरीब परिवार से संबंध रखने वाली तमन्‍ना पढ़ाई के लिए वजीरगंज के गुईन रोड स्थित उत्‍कर्ष शुक्‍ला के मकान में किराए का कमरा लेकर रह रही थी। आज पूर्वान्‍ह करीब 11 बजे उसकी रूम पार्टनर मंदिर गयी थी। जिसके बाद तमन्‍ना ने दुपट्टे का फंदा बना पंखे से लटकर जान दे दी। मामले का कुछ देर बाद पता चलने पर मकान मालिक ने इसकी सूचना पुलिस को दी। जानकारी पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन करने के साथ ही इसकी सूचना छात्रा के परिजनों को दी।

इंस्‍पेक्‍टर वजीरगंज दिनेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। शुरूआती जांच में सामने आया है कि छात्रा की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिसकी वजह से वह कुछ परेशान रहती थीं। इसके अलावा छात्रा का मोबाइल कब्‍जे में लेकर अन्‍य बिन्‍दुओं पर भी जांच की जा रही है। बेटी की मौत की खबर मिलने के बाद लखनऊ पहुंचे तमन्‍ना के परिजनों ने भी किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है।

बुक सेलर ने अपनी ही रिवॉल्‍वर से दी जान

वहीं हुसैनगंज पुलिस ने बताया कि पुराना किला स्थित डायमंड अपार्टमेंट निवासी सुनील कुमार जेटली (60) आलमबाग में जेटली बुक डिपो के नाम से किताब की दुकान चलाते थे। आज दोपहर करीब तीन बजे वह कमरे में अकेले थे तभी अपनी लाइसेंसी रिवॉल्‍वर से खुद को गोली मार ली। गोली चलने की आवाज सुनकर पत्‍नी व अन्‍य परिजन भागते हुए उनके कमरे में पहुंचें और खून से लथपथ सुनील कुमार को सिविल अस्‍पताल पहुंचाया। जहां जांच के बाद डॉक्‍टरों ने उन्‍हें मृत घोषित कर दिया।

इंस्‍पेक्‍टर हुसैनगंज के अनुसार घटनास्‍थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। शुरूआत जांच में सामने आया है कि सुनील कुछ समय से अपनी बीमारी से परेशान चल रहे थे। संभवता उन्‍होंने जान देने का फैसला भी इसी वजह से लिया है।

घरेलु कलह के चलते मनीष के जान देने का अंदेशा

इसी क्रम में शुक्रवार सुबह छह बजे काकोरी इलाके के आबिद खेड़ा गांव में 35 वर्षीय मनीष ने पंखे के सहारे रस्‍सी के फंदे से लटककर जान दे दी। इंस्‍पेक्‍टर काकोरी ने बताया कि मां चंदा देवी की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की थी, लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। मनीष परचून की दुकान चलाता था और उसकी एक सात साल की बेटी है। मनीष का पत्‍नी से विवाद चल रहा था, संभवता घरेलू कलह के चलते मनीष ने फांसी लगाकर जान दी है। शव को पोस्‍टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही अन्‍य बिन्‍दुओं पर भी जांच की जा रही है।

पेड़ से लटकती मिली लाश, नशा बना काल

इसके अलावा गोसाईगंज के रहमतनगर में आज पूर्वान्‍ह करीब 11 बजे इंद्रेश कुमार (35) ने धोती के फंदे के सहारे पेड़ से लटककर आत्‍महत्‍या कर ली। पेड़ से लाश लटकती मिलने की ग्रामीणों से सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस को पता चला कि इंद्रेश पुजारी का काम करता था और गांजा पीने का आदि था। इंस्‍पेक्‍टर गोसाईगंज ने बताया कि इंद्रेश पूजा-पाठ का काम करने के साथ ही गांजे व शराब का लती था। अनुमान है कि इंद्रेश ने नशे की लत के चक्‍कर में ही जान दी है। परिजनों ने भी किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है। फिलहाल पुलिस शव का पोस्‍टमॉर्टम कराने के साथ ही मामले की आगे जांच कर रही है।

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