आरयू वेब टीम। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित जीएसटी काउंसिल की बैठक में इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाले जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच फीसदी किया गया है। जबकि इलेक्ट्रिक चार्जर पर मौजूदा 18 फीसदी जीएसटी को भी कम करके पांच फीसदी किया गया है। ऐसा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने इन पर लगने वाली जीएसटी को कम किया है।
इसके अलावा जीएसटी काउंसिल ने स्थानीय अथॉरिटीज की तरफ से भाड़े पर ली जाने वाली इलेक्ट्रिक बसों (12 यात्रियों से ज्यादा की क्षमता) पर जीएसटी ना लगाने का फैसला किया है। नई दरें एक अगस्त से लागू होंगी।
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इससे पहले जीएसटी काउंसिल की 36वीं बैठक पहले 25 जुलाई को दोपहर 3.30 बजे होनी तय थी, लेकिन इस दिन वित्त मंत्री के संसद में व्यस्त होने के कारण बैठक को री-शेड्यूल किया गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में यह जीएसटी परिषद की दूसरी बैठक और आम बजट के बाद पहली बैठक है।
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इसके पहले 5 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि वह भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का हब बनाना चाहती हैं। इसके लिए बैटरी, चार्जिंग प्वाइंट जैसे बुनियादी ढांचे पर तेजी से काम किया जा रहा है। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हाईवे पर विशेष लेन बनाने पर भी विचार कर रही है और जल्द फैसला हो सकता है।
सरकार के इन कदमों से महिंद्रा, हुंडई, टाटा, बीएमडब्ल्यू जैसी कार कंपनियों और हीरो इलेक्ट्रिक, रीवोल्ट इंटेलीकॉर्प, काइनेटिक ग्रीन, टॉर्क मोटर्स जैसी इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों को होगा। मोदी सरकार ई-वाहनों के घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा देना चाहती है।