आरयू वेब टीम।
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की 34 वीं बैठक मंगलवार को संपन्न हुई। बैठक में आवास परियोजनाओं में मकानों पर नए टैक्स ढांचे को लागू करने की योजना को स्वीकृति दी गई। यह नए नियम एक अप्रैल से लागू होंगे। जिसके लागू होने के बाद घर खरीदना पहले के मुकाबले सस्ता होगा।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय में राजस्व सचित एबी पांडे ने जीएसटी काउंसिल की बैठक के अहम फैसले की जानकारी मीडिया को देते हुए कहा कि राज्य सरकारों के साथ बातचीत कर के आवास विकास के कारोबार में लगी कंपनियों को नए टैक्स ढांचे के अनुपालन के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिल्डर्स निर्माणधीन रिहायशी प्रोजेक्ट के लिए दो टैक्स स्लैब में किसी का चयन कर सकते हैं।
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काउंसिल की बैठक में बिल्डर्स को दो विकल्प दिए जाने का फैसला हुआ है। उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ 12 फीसद का भुगतान करना होगा या फिर इनपुट टैक्स क्रेडिट के बिना उन्हें पांच फीसद टैक्स का भुगतान करना होगा।
साथ ही बैठक के दौरान रियल एस्टेट सेक्टर पर वर्तमान टैक्स ढांचे से नए टैक्स ढांचे को लागू करने से जुड़े प्रावधानों पर और इसके अनुपालन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले हुई इस बैठक में आचार संहिता की वजह से कोई नए फैसले नहीं लिए गए।
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यहां बताते चलें कि चालू वित्त वर्ष में जीएसटी कलेक्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं हो सका है। सिर्फ तीन बार एक लाख करोड़ के पार कलेक्शन हुआ है। अन्य महीनों में कलेक्शन एक लाख करोड़ के नीचे रहा है। जीएसटी कलेक्शन में कमी की वजह से नेट इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में भी कमी आई है, हालांकि कांउसिल की बैठक में इस मुद्दे को लेकर चर्चा नहीं हुई।
जीएसटी के तहत रेवेन्यू कलेक्शन इस साल फरवरी में पिछले साल के मुकाबले 13 फीसदी बढ़कर 97,247 करोड़ रुपये हो गया। फरवरी, 2018 में जीएसटी संग्रह 85,962 करोड़ रुपये था। इससे पहले जनवरी 2019 में जीएसटी कलेक्शन 1,02,503 करोड़ रुपये रहा।