सीतारमण ने लगाया, ‘सरकार पर प्राण प्रतिष्ठा के प्रसारण पर रोक का आरोप’, मंत्री ने किया खारिज

प्राण प्रतिष्ठा प्रसारण
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को तमिलनाडु सरकार आरोप लगाए है। उन्होंने तमिलनाडु सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, तमिलनाडु में अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लाइव प्रसारण को देखने पर राज्य सरकार ने प्रतिबन्ध लगाया है, लेकिन इसे तमिलनाडु के मंत्री पी.के. शेखरबाबू ने सिरे से खारिज कर इसे गलत अफवाह फैलाने बताया है।

आज वित्‍त मंत्री ने एक्स पर पोस्ट साझाकर कहा कि हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग से प्रबंधित मंदिरों में  श्री राम के नाम पर किसी भी पूजा/भजन/प्रसाद/अन्नदान की अनुमति नहीं है। पुलिस निजी तौर पर संचालित किए जा रहे मंदिरों में भी कार्यक्रम आयोजित करने से रोक रही है। वे आयोजकों को पंडाल तोड़ने की धमकी दे रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने तमिल अखबार की रिपोर्ट को टैग करते हुए कहा कि वह इस हिंदू विरोधी और घृणित कृत्य की कड़ी निंदा करती हैं।

तमिलनाडु के मंत्री शेखर बाबू ने किया खंडन

इन आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए तमिलनाडु के मंत्री पीके शेखर बाबू ने कहा कि ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है और न ही भगवान राम की पूजा के आयोजन पर किसी भी प्रकार का बैन है। शेखर बाबू ने बताया कि अन्न दान और प्रसाद वितरित करने पर भी कोई रोक नहीं है।

यह भी पढ़ें- 22 जनवरी को स्‍कूल-कॉलेज के साथ सरकारी कार्यालय भी रहेंगे बंद, सीएम योगी ने की सार्वजनिक अवकाश की घोषणा

उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में शेखर बाबू ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से पोस्ट शेयर कर कहा कि, सेलम में डीएमके युवा सम्मेलन से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश में गलत सूचना फैलाने की कड़ी निंदा करता हूं। हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग ने तमिलनाडु के मंदिरों में भक्तों की भोजन चढ़ाने, श्री राम के नाम पर पूजा आयोजित करने या प्रसाद प्रदान करने की स्वतंत्रता पर कोई सीमा नहीं लगाई है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य जैसे कार्यालय में बैठे लोग जानबूझकर इस गलत जानकारी का प्रचार कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें- AIIMS समेत अस्पतालों की छुट्टी पर विपक्ष ने साधा मोदी सरकार पर निशाना, ‘राम राज में ऐसा नहीं होता, खतरे में डाली जा रही मरीजों की जान’