निर्भया केस: कोर्ट ने चारों दोषियों का डेथ वारंट किया जारी, 22 जनवरी को दी जाएगी फांसी

डेथ वारंट जारी

आरयू वेब टीम। निर्भया गैंगरेप केस में मंगलवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने मामले के चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया है। चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी दी जाएगी। दोषियों के खिलाफ मृत्यु वारंट जारी करने वाले अतिरिक्‍त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने फांसी देने के आदेश की घोषणा की।

साथ ही कोर्ट ने कहा कि दोषी चाहें तो इस बीच बचे हुए कानूनी विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एडिशनल सेशन जज सतीश कुमार अरोड़ा ने निर्भया के दोषियों को सजा सुनाई। मामले में मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता को फांसी दी जानी है।

वहीं, कोर्ट के फैसले के बाद पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा कि मेरी बेटी को न्याय मिला है। दोषियों की सजा देश की महिलाओं को सशक्‍त बनाएगा। इस फैसले से न्याय प्रणाली में लोगों का विश्‍वास मजबूत होगा। जबकि, पीड़िता के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि ऐसे अपराध करने वाले लोगों में डर पैदा होगा।

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गौरतलब है कि इससे पहले मामले में माता-पिता की ओर दायर डेथ वारंट याचिका पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई। सुनवाई के दौरान माता-पिता की ओर कोर्ट से गुजारिश की थी कि चारों दोषियों अक्षय, मुकेश, विनय और पवन को फांसी देने को लेकर डेथ वारंट जारी किया जाए। वहीं, दोषियों के वकील एपी सिंह की ओर से कोर्ट में कहा था कि वह सुप्रीम कोर्ट में क्यूरिट पेटिशन दायर करने की प्रक्रिया में जुटे हैं।

पिछली सुनवाई में कोर्ट से मिले निर्देश पर जेल प्रशासन ने दोषियों को सात दिन का वक्त दिया था, ताकि वे मौत की सजा के खिलाफ दया याचिका दाखिल कर सकें। जेल प्रशासन ने नोटिस दिल्ली जेल नियमावली 2018 के नियम 837 के तहत जारी किया था। प्रशासन ने कहा था यदि आपने दया याचिका दाखिल नहीं की है तो सात दिन के भीतर राष्ट्रपति के समक्ष दायर कर सकते हैं। जेल प्रशासन के अनुसार, चारों दोषियों की ओर से जेल प्रशासन को जवाब मिल चुका है। मुकेश की ओर से सबसे अंत में जवाब मिला।

सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है याचिका

इस मामले में अब निर्भया केस से जुड़ा कोई भी केस दिल्ली की किसी भी अदालत में लंबित नहीं है। पिछले एक महीने के दौरान तकरीबन तीन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और पटियाला हाउस कोर्ट से खारिज हो चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट एक दोषी की पुनर्विचार याचिका खारिज कर चुका है, जबकि दिल्ली हाई कोर्ट ने एक और दोषी की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने खुद को जुवेनाइल बताकर मामले की सुनवाई जेजे एक्ट के तहत करने की गुहार लगाई थी।

वहीं पटियाला हाउस कोर्ट सोमवार को एक और दोषी के पिता की तरफ से लगाई गई उस अर्जी को भी खारिज कर चुका है जिसमें निर्भया केस के एकमात्र चश्मदीद गवाह और निर्भया के दोस्त अवनींद्र पांडे पर एफआइआर दर्ज करने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि अवनींद्र ने मीडिया को दिए अपने बयान के एवज में पैसा लिया है इसलिए कोर्ट में दी उसकी गवाही को भी फर्जी माना जाए।

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