आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्वर्ण मंदिर, अमृतसर सहित सभी गुरद्वारों से लंगर और प्रसाद वितरण पर केंद्र सरकार द्वारा लागू जीएसटी तत्काल हटाने की शनिवार को मांग की है। अखिलेश ने कहा कि बिना किसी भेदभाव के सभी को भोजन दान को भाजपा सरकार ने दण्डित करने का निंदनीय कार्य किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने एक बयान में कहा कि पिछली सरकारों ने वैट भी माफ किया था। भारतीय गणतंत्र के 70 वर्षों में 11 प्रधानमंत्री हुए, कभी लंगर सेवा पर कोई टैक्स नहीं लगा, लेकिन 12 वें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समय में गुरद्वारों के लंगर पर टैक्स के रूप में जीएसटी थोप दिया गया है। जो सरासर गलत है।
अखिलेश यादव ने कहा कि मोदी सरकार को न सिर्फ लंगर सेवा बल्कि लंगर की खरीद को भी जीएसटी मुक्त करना चाहिए। धार्मिक स्थलों में इस तरह जहां सबके लिए भोजन की व्यवस्था हो, वहां जीएसटी का कोई औचित्य नहीं है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि वे पूरी तरह सिखों के दर्द और सम्मान के साथ हैं। गुरू नानक देव ने 450 वर्ष पूर्व लंगर की प्रथा प्रारंभ की थी। स्वर्ण मंदिर में हर दिन लगभग 80 हजार से एक लाख तक की संख्या में संगते रोज लंगर छकती हैं। यह सेवा 24 घंटे चलती है।
वसूला गया दो करोड़ वापस करे मोदी सरकार
अब तक जीएसटी लेने की बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि 17 जुलाई से दिसंबर 2017 तक सरकार जीएसटी के मद में दो करोड़ रूपए कर वसूल चुकी है। इसे वापस किया जाए। इससे सिख समाज में भारी रोष है। केन्द्र सरकार को सिख समाज की भावना का सम्मान करते हुए देश भर में लंगर सेवा और इसके सामान की खरीद पर तत्काल जीएसटी खत्म कर देनी चाहिए।