अखिलेश ने कहा जनता को धोखा देने वाला है योगी सरकार का बजट, इसमें विजन है, न विकास

बस अग्निकांड

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। गुरुवार को योगी सरकार द्वारा पेश किए गए साल 2019-20 के बजट पर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सवाल उठाया है। उन्‍होंने प्रदेश सरकार के बजट को जनता को धोखा देने वाला बताते हुए कहा है कि इसमें न तो विकास है, न विजन और न ही सामाजिक न्याय है। बजट में किसानों और नौजवानों के लिए भी कुछ नहीं है। जो पहले था वह भी इस बजट में खो गया।

सपा मुख्‍यालय पर आज आयोजित एक प्रेसवार्ता में अखिलेश ने सीएम योगी पर तंज कसते हुए कहा कि जिसकी जैसी समझ वैसा उसका बजट। बजट निराशाजनक है, किसान का गन्ना सूख रहा है। चीनी मिल मालिक उद्योगपतियों से मिलकर बाहर से चीनी मंगा रहे हैं। गन्ना किसानों का बकाया भुगतान नहीं हो रहा है। आंदोलन करने पर उनके ऊपर लाठीचार्ज किया जाता है। चिकित्सा शिक्षा के लिए भी कुछ नहीं है।

अखिलेश ने अपना मत रखते हुए मीडिया से कहा कि हम लोगों ने सोचा था कि इस बजट से छात्रों को लैपटॉप, कन्या विद्याधन और समाजवादी पेंशन योजना जैसी स्कीम होगी, लेकिन यह बजट तो चुनावी बजट भी नहीं निकला।

पिछले साल लखनऊ में आयोजित इन्‍वेस्‍टर्स समिट का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट में सबसे ज्यादा इन्वेस्टमेंट सोलर एनर्जी के क्षेत्र में होने कही गयी थी, लेकिन इस बजट में इस मद में कुछ भी नहीं है।

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अखिलेश यादव ने सवाल उठाते हुए कहा कि बजट में स्मार्ट सिटी की बात है, लेकिन छोटे शहरों और मलिन बस्तियों के लिए बहुत कम पैसा दिया गया है। प्रति गांव 42 हजार में गाय की सुरक्षा और सेवा क्या होगी? न तो कोई नया सैनिक स्कूल दिया गया है न इंजीनियरिंग कालेज।

वहीं मेट्रो की बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि आगरा-कानपुर मेट्रो के लिए इस बजट में जो धनराशि है उससे बस शिलान्यास का शिलान्यास ही हो पाएगा? झांसी-आगरा में मेट्रो चलने का इंतजार रहेगा।

जबकि पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे बनने के आसार नही। उच्च शिक्षा के लिए भी कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार चाहती है लोग ज्यादा से ज्यादा शराब पिएं। गौसेवा तो अन्य पुण्यकार्यों से भी हो सकती थी। ऐसे शौचालय बने है जिनमें पानी नहीं।

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