आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव को लेकर आखिरकार मंगलवार को फैसला आ गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए सरकार से जल्द से जल्द चुनाव कराने को भी आज कहा है। जिसके बाद राज्य में निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट ने अपने फैसले में साफ तौर पर कहा है कि राज्य में इस बार निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के होगा।
हालांकि इस दौरान कोर्ट ने राज्य सराकर को झटका देते हुए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया है। वहीं कोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के ही राज्य में चुनाव कराने का फैसला सुनाया है। इससे पहले हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान अपना फैसला सुरक्षित रखा था, जिसके बाद कोर्ट द्वारा मंगलवार को सुनवाई की अगली तारीख तय की गई थी।
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कोर्ट ने कहा कि इस चुनाव में ओबीसी आरक्षण ट्रिपल टेस्ट के आधार पर दिया जाएगा। ट्रिपल टेस्ट के बिना कोई ओबीसी आरक्षण नहीं हो सकता है। ये निर्णय न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने इस मुद्दे पर दाखिल 93 याचिकाओं पर एक साथ पारित करते हुए दिया है, जिसके बाद माना जा रहा है कि अब इसपर मुख्य फैसला सरकार और आयोग के हाथ में है।
कोर्ट ने अपने फैसले में सरकार को तुरंत चुनाव कराने का निर्देश दिया है, हालांकि कोर्ट ने एससी और एसटी आरक्षण के साथ चुनाव कराने की भी बात कही है।