आरयू ब्यूरो, लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सोमवार को हाथरस कांड की सुनवाई हुई। आज कोर्ट में सभी पक्षों को सुनने के बाद अब मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी। न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार, सचिव गृह विभाग तरुण गाबा, हाथरस के तत्कालीन एसपी विक्रांत वीर हाजिर हुए।
इसके पहले मामले की जांच कर रही एसआईटी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी। मुल्जिम की तरफ से सिद्धार्थ लूथरा केंद्र सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट ने बहस की। न्याय मित्र जयदीप नारायण माथुर सीनियर एडवोकेट भी कोर्ट रूम में मौजूद थे। मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 25 नवंबर रखी गई है।
…तो सरकार ने कहा की हम ट्रांसफर कर देंगे
वही पीड़िता की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि अंतिम संस्कार की बात पर सरकार का बयान विरोधाभासी है। वकील सीमा कुशवाहा ने बताया कि हमने परिवार की सुरक्षा की मांग की है और अधिकारियों के टर्मिनेशन के लिए अर्जी भी दाखिल करेंगे। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने डीएम पर कार्यवाई पर सवाल किया तो सरकार ने कहा की हम ट्रांसफर कर देंगे। पीड़ित पक्ष के वकील ने अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाई की मांग की।
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गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने इससे पहले 12 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान हाथरस में परिवार की मर्जी के बिना रात में मृतका का अंतिम संस्कार किए जाने पर तीखी टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि बिना धार्मिक संस्कारों के युवती का दाह संस्कार करना पीड़ित, उसके स्वजन और रिश्तेदारों के मानवाधिकारों का उल्लंघन है। इसके लिए जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई करने की आवश्यकता है।