योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया त्रिस्‍तरीय सुरक्षा में है हाथरस का पीड़ित परिवार और गवाह

त्रिस्तरीय सुरक्षा
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। हाथरस में हैवनियत की बलि चढ़ी दलित युवती के परिजनों व मामले के गवाहों की सुरक्षा के बारे में बुधवार को योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को अहम जानकारी दी है। सरकार ने हलफनामा दायर करते हुए बताया है कि परिवार व गवाह त्रिस्‍तरीय सुरक्षा में है।

राज्य सरकार की ओर से उच्चतम न्यायालय से कहा गया है कि गांव में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरा लगवाने के साथ ही पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। सरकार के अनुसार पीड़िता के हाथरस जिले के चंदपा में रहने वाले परिजनों को पर्याप्त सुरक्षा दी जा रही। इन परिजनों में पीड़िता के माता-पिता के अलावा दो भाई, एक भाभी और दादी शामिल हैं।

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राज्य के गृह विभाग के विशेष सचिव राजेंद्र प्रताप सिंह की ओर से दायर हलफनामा में कहा गया है कि पीड़िता के गांव के मुहाने पर आठ सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं, जिनमें एक इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबल, चार कांस्टेबल और दो महिला कांस्टेबल शामिल हैं। इसी तरह का फॉर्मेशन पीड़िता के घर के पास किया गया है, जबकि पीड़िता के घर के प्रवेश द्वार पर चौबीसों घंटे और सातों दिन दो एसआइ को ड्यूटी पर लगाया गया है। घर के बाहर 15 सुरक्षाकर्मी कैम्प लगाये हुए हैं।

साथ ही यह सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया गया है कि गवाहों के घर के बाहर पर दो पालियों में छह-छह सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं। पीड़िता के घर के आसपास आठ सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। आसपास के इलाकों को प्रकाशमान करने के लिए दस से 12 लाइटें लगायी गयीं हैं। ये लाइटें पहले से लगी लाइटों के अलावा हैं।

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बता दें कि शीर्ष अदालत हाथरस मामले पर अगली सुनवाई 15 अक्टूबर यानी गुरुवार को करेगी। गौरतलब है कि गत सुनवाई के दौरान न्यायालय ने राज्य सरकार से मुख्यतया तीन बातें पूछी थी, पहला- पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा के क्या इंतजाम किए गए हैं? क्या पीड़ित परिवार के पास पैरवी के लिए कोई वकील है? और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मुकदमे की क्या स्थिति है?

हलफनामा में कहा गया है कि पीड़िता के परिजनों की ओर से सीमा कुशवाहा केस लड़ रही हैं और उन्हें सरकारी वकील भी मुहैया कराया जायेगा। साथ ही ,इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने हाथरस मामले में अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी।