आरयू वेब टीम।
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में वेदांता कंपनी की स्टरलाइट कॉपर यूनिट के खिलाफ पिछले कई महीनों से जारी विरोध प्रदर्शन आज हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के साथ हुई झड़प में नौ लोगों की मौत की खबर है, जबकि 40 अन्य घायल हुए हैं।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने प्रदर्शन में जान गंवाने वाले और घायलों के लिए मुआवजे का एलान किया है। सीएम ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए और घायलों को तीन-तीन लाख रुपए मुआवज़ा देने की घोषणा की है। साथ ही मृतकों के परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी देने की भी घोषणा की गई है। मामले की जांच के लिए एक जांच आयोग भी गठित किया जाएगा।
वहीं तमिलनाडु के डीजीपी ने हालात पर काबू पाने का आश्वासन दिया है। डीजीपी टीके राजेंद्रन ने कहा स्थानीय मीडिया से बात कर जनता को संदेश देते हुए कहा कि तूतीकोरिन के लोगों को किसी चिंता की जरूरत नहीं। हम हालात को काबू में लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, जो अब काफी हद तक काबू में भी आ चुका है। प्रदर्शनकारियों की मौत को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि मौत पुलिस की गोलियों से हुई है या नहीं यह जांच के बाद स्पष्ट हो पाएगा।
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वहीं मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शीयों के मुताबिक, पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को कारखाने तक पहुंचने से रोका तो उन्होंने पत्थर बरसाने शुरू कर दिए, वहीं कुछ प्रदर्शनकारियों ने मिलकर एक पुलिस वाहन को पलट दिया। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने स्टरलाइट प्लांट के साथ ही कलेक्टर ऑफिस के घेराव की भी कोशिश की।
ऐसे में भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े, जिसके बाद इस कार्रवाई से गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर ऑफिस के अंदर खड़ी गाड़ियों को आग लगा दी। हालात बिगड़ता देख पुलिस ने तुरंत अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया।
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बता दें कि अंतरराष्ट्रीय खनन कंपनी वेदांता लिमिटेड की स्टरलाइट कॉपर तांबे ढालने का काम करती है और तूतीकोरिन स्थित इस प्लांट से सालाना करीब चार लाख टन तांबा ढाला जाता है। जिसका स्थानीय लोग लंबे समय से विरोध-प्रदर्शन कर कारखाना बंद करने की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि इस कारखाने के कारण इलाके में अंडरग्राउंड वाटर भी प्रदूषित हो रहा है। वहीं मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने स्टरलाइट कारखाने के इर्द-गिर्द सुरक्षा बढ़ा दी थी और वहां धारा 144 लागू कर दिया था।
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